CMO दफ्तर में डेढ़ करोड़ का घोटाला, DM ने टीम गठित कर जांच के दिये आदेश

punjabkesari.in Thursday, Jul 08, 2021 - 10:56 AM (IST)

कौशांबी: उतर प्रदेश के कौशांबी जनपद में मंझनपुर मुख्यालय स्थित सीएमओ कार्यालय में एक करोड़ 60 लाख का बड़ा घोटाला का मामला सामने आया है। इसका खुलासा एनएचएम की कॉन्ट्रैक्ट ऑडिटर की जांच रिपोर्ट में हुआ है। ई-टेंडर, टेंडर एवं कोटेशन प्रक्रिया में मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई वहीं चहेते फर्मों के माध्यम द्वारा बाजार से महंगे दामों पर सामानों की खरीदारी की गई है। इतना ही नहीं वाहनों को अधिग्रहित करने में भी मानक को दरकिनार रखा गया है। घोटाले का खुलासा होने पर हड़कंप मच गया है।

इस बाबत जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने घोटाले की जांच के लिए टीम गठित कर दी है। टीम में शामिल एडीएम के अलावा अन्य अफसर घोटाले की जांच कर रहे हैं। अब देखना यह है कि वर्ष 2019-20 में सीएमओ कार्यालय सहित जिले भर की सीएचसी एवं पीएचसी में सामानों की खरीदारी करने में घोटाले को लेकर डीएम की जांच रिपोर्ट में घोटाला सही साबित होता है या फिर फाइलों में ही दब कर रह जाएगा।

आगे बता दें कि कॉन्ट्रैक्ट ऑडिटर की रिपोर्ट के अनुसार एक करोड़ 60 लाख का घोटाला हुआ है। कई सालों से बंद पड़ी मैसर्स शिवम इंटरप्राइजेज का नवीनीकरण करने के बाद इन लोगों को तैनात किया गया है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि, न्यूनतम मजदूरी की दर को दरकिनार कर कम मजदूरी दी जा रही थी। इसके अलावा आरबीएसके मॉनिटरिंग एवं इवैल्यूएशन प्रोग्रामों के तहत वाहनों को अधिग्रहित करने में भी मानक की अनदेखी की गई है। किसी भी वाहन का बीमा फिटनेस आरसी प्रमाण पत्र जांच के दौरान नहीं मिला है और ना ही इनका कोई रिकॉर्ड भी मिला है। इसके अलावा सीएमओ दफ्तर से बगैर निविदा के ही 18 फर्मों से एक करोड़ 33 लाख 63 हजार 151 रुपए का अनियमित भुगतान किया गया है। इसी तरह 17 फर्मों से 25 लाख 65 हजार 908 रुपए की खरीदारी करवाई गई. टेंडर एवं खरीदारी की आडिट भी नहीं कराई गई।

इस बाबत डीएम ने बताया कि शासन ने एनएचआरएम के द्वारा एक प्रकरण भेजा है। पिछले साल के सीएमओ कार्यालय के ऑडिट में तमाम कमियां पाई गई है। शासन ने डीएम को भी पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बगैर टेंडर के ही सर्विस प्रोवाइडरों को नियुक्ति दी गई है।

 

 

Content Writer

Moulshree Tripathi