Asaduddin Owaisi ने मुख्तार अंसारी की मौत पर उठाए सवाल, कहा- सरकार ने उनकी बातों और इलाज पर ध्यान नहीं दिया

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2024 - 01:28 PM (IST)

लखनऊ: बांदा जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर सियासत गरमा गई है। इसे लेकर अखिलेश यादव, मायावती समेत विपक्ष के कई नेताओं ने मौजूदा सरकार पर सवाल उठाए हैं। वहीं, अब AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर भाजपा सरकार को घेरे में लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार न ही उनकी बातों पर ध्यान दिया और न ही इलाज पर। इसी कारण मुख्तार की जान गई है।

असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफोर्म एक्स पर लिखा कि "किइन्ना लिल्लाही वा इन्ना इलैही राजिऊन। अल्लाह से दुआ है के वो मुख्तार अंसारी को मगफिरत फ़रमाए, उनके खानदान और उनके चाहने वालों को सब्र-ए-जमील अदा करें। उन्होंने आगे कहा कि गाजीपुर की आवाम ने अपने चहीते बेटे और भाई को खो दिया। मुख्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया था कि उन्हें जहर दिया गया था। बावजूद इसके, सरकार ने उनके इलाज पर तवज्जोह नहीं दिया। निंदनीय और अफसोसजनक"।

दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत
आप को बता दें कि  प्रदेश के जिलों में आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। अंसारी की मृत्यु के साथ ही अपराध के एक युग और राजनीति के साथ उसके गठजोड़ के एक अध्याय का अंत हो गया। यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि अंसारी के खिलाफ हत्या से लेकर जबरन वसूली तक के 65 मामले दर्ज थे, फिर भी वह विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर पांच बार विधायक चुना गया।

महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा
साल 1963 में एक प्रभावशाली परिवार में जन्मे अंसारी ने राज्य में पनप रहे सरकारी ठेका माफियाओं में खुद को और अपने गिरोह को स्थापित करने के लिए अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। अंसारी खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत गाजीपुर के सैदपुर थाने में पहला मामला दर्ज किया गया था।

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Harman Kaur