पश्चिम यूपी में ओवैसी ने भरी हुंकार, कहा- भारत में सियासत की हकीकत है जिसकी लाठी उसकी भैंस

punjabkesari.in Wednesday, Oct 27, 2021 - 05:38 PM (IST)

मुजफ्फरनगर: एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मुजफ्फरनगर में चुनावी हुंकार भरते हुए एक बार फिर मुसलमानों से अपनी राजनीतिक हैसियत बनाने के लिए उनके साथ आने का आह्वान किया है। ओवैसी भी पश्चिम यूपी में सक्रिय होकर मुस्लिम वोटों को अपने पाले में लाने में जुट गए हैं।

ओवैसी मुजफ्फरनगर के बझेडी रोड पर 'शोषित वंचित समाज सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि  सितंबर 2013 में यहां फसाद हुआ था. जब मुसलमानों की नाइंसाफी की बात होती है तो माइक बंद हो जाता है। अपनी वोट से अपनी आवाज को मजबूत करना होगा। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आने वाले विधानसभा के चुनाव में एआईएमआईएम अपने प्रत्याशियों को उतारेगी। जिस समाज के पास उसके नेता हैं उन्हीं की समस्याओं को हल किया जाता है। मुसलमानों की नाइंसाफी की बात होती है तो मुस्लिम का वोट लेकर सत्ता में बैठने वालों का माइक बंद हो जाता है. अपने वोट से ही हमें अपनी आवाज को मजबूत करना होगा।

ओवैसी ने कहा कि सपा की सरकार में 70 के करीब मुसलमान जीतकर आये थे तो मुजफ्फरनगर दंगा कैसे हुआ, जितने मुसलमान विधायक जीतकर आये थे, उनकी जुबान पर ताला लगा दिया गया था। बंटवारे के बाद मुजफ्फरनगर में सबसे बड़ा कांड हुआ था उसे कौन भूल सकता है। कब तक लोग सपा, बसपा, कांग्रेस आरएलडी के लिए दरी बिछाते रहेंगे।

गरीब मुसलमान की सियासी आवाज होनी चाहिए- ओवैसी
उन्होंने कहा कि 19 फीसद मुसलमान मोहताज हैं। मेरी ज़िंदगी का एक ही मकसद है कि गरीब मुसलमान की सियासी आवाज होनी चाहिए। मुजफ्फरनगर के मुसलमान ने कभी बीजेपी का साथ नहीं दिया। मेरठ का फसाद हुआ हाशिमपुरा मलियाना का फसाद हुआ था तो कहा गया भूल जाओ। अब कहा जा रहा है कि मुजफ्फरनगर का फसाद भूल जाओ। इन नाइंसाफियों को भूल जाएंगे तो दोबारा नाइंसाफी होगी।

सीएए एनआरसी के प्रोटेस्ट के लिए आपको सलाम करता हूं...
इतना ही नहीं ओवैसी ने कहा कि सीएए एनआरसी के प्रोटेस्ट के लिए आपको सलाम करता हूं। हम नाइंसाफी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मजलिस के 2 एमपी संसद की दरो दीवार को हिला देते हैं। भारत की सियासत की हकीकत है जिसकी लाठी उसकी भैंस। जाटों ने बीजेपी को वोट दिया। जाट ने अजीत सिंह को हरा दिया। उन्होंने कहा कि अब यूपी के मुसलमान उस सियासी रिवायत को छोड़ेंगे। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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