यूपी में कांग्रेस का कैंपेन छोड़ सकते हैं प्रशांत किशोर

punjabkesari.in Wednesday, May 18, 2016 - 01:47 PM (IST)

लखनऊ: विधानसभा चुनाव 2017 की तैयारी में लगे कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के लिए कांग्रेस एक कठिन पार्टी साबित हो रही है। कांग्रेस ने पंजाब और उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रबंधन की कमान प्रशांत किशोर को सौंपी है लेकिन दिक्कत उसके क्रियान्वयन में हो रही है। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर का काम चुनाव का प्रबंधन करना है ना कि नेताओं को दिशा-निर्देश देने का। साथ ही वे उम्मीदवारों के चयन में उनकी भूमिका नहीं चाहते।
 
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपने फैसले के विरोध से आहत प्रशांत किशोर यूपी कांग्रेस का कैंपेन छोड़ सकते हैं। प्रशांत किशोर कांग्रेस में फैसले लेने पर पूरी आजादी चाहते हैं। कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का साथ देने के लिए पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी कुछ शर्तें सौंपी हैं। अब इस पर फैसला राहुल गांधी को लेना है। 
 
क्यों हुआ विरोध? 
गौरतलब है कि हाल ही में प्रशांत किशोर की टीम विधानसभा चुनाव को लेकर वाराणसी दौरे पर थी। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सीधे-सीधे कहा कि अगर वह उनके निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। उनके इस बयान पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस में भी कड़ी प्रतिक्रिया हुई। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर का काम चुनाव का प्रबंधन करना है ना कि नेताओं को दिशा-निर्देश देने का। साथ ही वे उम्मीदवारों के चयन में उनकी भूमिका नहीं चाहते।
 
पंजाब में भी विरोध 
कमोबेश ऐसे ही हाल पंजाब में हैं। वहां भी स्थानीय स्तर पर नेताओं के आक्रोश को शांत करने की कोशिश हो रही है। पंजाब के प्रभारी शकील अहमद को कहना पड़ा कि प्रशांत किशोर की भूमिका घरों तक प्रचार को संचालित करने से ज्यादा नहीं समझी जानी चाहिए। उम्मीदवारों का चयन करने की जो पार्टी की प्रक्रिया है, वही रहेगी। यही बात आरपीएन सिंह ने भी कही कि उम्मीदवारों का चयन करना, मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करना पार्टी नेतृत्व का जिम्मा है।