‘पद्मश्री’-‘मीर तकी मीर’ पुरस्कार से नवाजे गए 93 वर्षीय साहित्यकार ने जीती कोरोना से जंग

punjabkesari.in Monday, Jun 08, 2020 - 11:55 AM (IST)

नोएडा: उर्दू शायरी और साहित्य में अपने योगदान से ‘पद्मश्री’ सम्मान से नवाजे गए आनंद मोहन जुत्शी गुलजार देहलवी ने 93 वर्ष की उम्र में कोरोना को मात देकर मिसाल कायम किया है। शनिवार देर रात रिपोर्ट निगेटिव आने से रविवार को ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्ताल से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल से घर जाते समय भावुक होते हुए गुलजार देहलवी ने मेडिकल स्टाफ का शुक्रिया अदाकर कहा कि आप लोगों ने नई जिंदगी दी है। इतना ही नहीं उन्होंने पूरी तरह ठीक होने पर सभी को अपने घर खाने पर बुलाने का वादा किया।

सांस न ले पाने से आईसीयू में हुए थे शिफ्ट
बता दें कि साहित्यकार गुलजार देहलवी को सांस की बीमारी के चलते नोएडा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उनका कोरोना सैंपल लिया गया। 1 जून को उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने से शारदा अस्पताल रेफर कर दिया गया। उस समय एएम जुत्शी की सांस न ले पाने से हालत बहुत खराब थी। उनको आईसीयू में भर्ती किया गया।

शनिवार देर रात रिपोर्ट आई निगेटिव
अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि डॉ. अभिषेक देशवाल की अगुवाई में विशेष टीम का गठन किया गया जिसमें से एक डॉक्टर हमेशा उनके पास मौजूद रहता था। इस दौरान पाइप के जरिए तरल खाद्य पदार्थ दिया जा रहा था। स्थिति सामान्य होने पर 3 दिन आइसोलेशन के सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया गया। जुत्शी की शनिवार रात रिपोर्ट निगेटिव आई थी। रविवार को उन्हें डिस्चार्ज किया गया।

इन पुरस्कारों से किए गए हैं सम्मानित
गौरतलब है कि 7 जुलाई 1926 को जन्मे पद्मश्री आनंद मोहन जुत्शी गुलजार देहलवी पहले दिल्ली में रहते थे। अब वह नोएडा सेक्टर-26 में रहते हैं। उर्दू शायरी और साहित्य में उनके योगदानों को देखते हुए उन्हें ‘पद्मश्री’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2009 में उन्हें ‘मीर तकी मीर’ पुरस्कार से भी नवाजा गया।

Edited By

Umakant yadav