पाक परस्त ताकतें लगा रहीं है अयोध्या विवाद के समाधान में अड़ंगा: वेदांती

punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2019 - 04:16 PM (IST)

लखनऊ: अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर विश्वास जताते हुए राम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा कि पाकिस्तान परस्त कुछ कट्टरपंथी ताकतें इस मसले को लटकाये रखकर देश का सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने का प्रयास कर रही है लेकिन उन्हे मालूम होना चाहिए कि रामजन्मभूमि परिसर में दुनिया की कोई भी ताकत मस्जिद नहीं बनवा सकती।

डॉ. वेदांती ने पत्रकारों से कहा कि देश के 80 फीसदी मुसलमान इस विवाद के जल्द समाधान के पक्ष में है। वे भी जन्मभूमि पर राम मंदिर देखना चाहते है लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड इस मसले को उलझाए रखना चाहता है जिससे देश के अमन चैन को नुकसान पहुंचाया जा सके। इसके लिए उसे पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों से धन मिलता है। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी इस बारे में पहले ही बयान दे चुके हैं।

उन्होंने कहा कि काशी,मथुरा और अयोध्या समेत देश भर में 30 हजार से अधिक मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई लेकिन संत समाज ने कभी 30 हजार मंदिर की मांग नहीं की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरू महंत अवैद्यनाथ समेत देश के संतों ने केवल 3 मंदिरों की मांग का प्रस्ताव रखा था जिसमें काशी में विश्वनाथ मंदिर, मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि और राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण शामिल है।

इस प्रस्ताव पर विहिप के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सिंहल और रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रहे रामचन्द्र परमहंस दास के हस्ताक्षर है। उस समय सुन्नी वक्फ बो्र्ड के अध्यक्ष सैयद शहाबुद्दीन ने कहा था कि अगर यह साबित हो जाए कि विवादित भूमि पर मंदिर के अवशेष है तो उन्हे मंदिर निर्माण पर कोई आपत्ति नहीं है। सैयद शहाबुद्दीन आज जीवित नहीं है लेकिन सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमाण मिलने के बाद उच्च न्यायालय से अपना दावा वापस लेना चाहिए था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड पहले ही इच्छा जता चुका है कि अयोध्या में मंदिर और लखनऊ के शिया बहुल इलाके में मस्जिद बनवा दी जाए। हां, यह बाबर के नाम पर ना हो। बाबर कभी अयोध्या नहीं आया। वह सबसे पहले हरियाणा के बाबरपुर पहुंचा था, इसलिए मस्जिद वहीं बनवाई जाए। डॉ. वेदांती ने विश्वास व्यक्त किया कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होगा। संत समाज चाहता है कि आपसी सुलह समझौते से विधि संगत तरीके से इस विवाद का समाधान हो ताकि देश में शांति और भाइचारा बना रहे।

Anil Kapoor