बिना रजिस्ट्री के दलित की जमीन पर बनाया पंचायत भवन, अब प्रधान ने BDO पर लगाया कमीशनखोरी का आरोप

punjabkesari.in Thursday, Nov 24, 2022 - 05:21 PM (IST)

गाजीपुर( आरिफ वारसी) : पूर्वांचल में भोजपुरी की एक कहावत है कि गांव के विकास में प्रधान और ग्राम सचिव मिल जाएं तो सब घोर माठा हो जाता है। यानि सब खा पी बराबर, ऐसा ही मामला गाजीपुर के बाराचंवर ब्लॉक के लखनौली ग्राम सभा में ग्राम पंचायत भवन की है। जो अब तूल पकड़ता जा रहा है। कारण है कि जहां ये पंचायत भवन बना है। वो जमीन गांव के ही दलित व गरीब किसान दयाशंकर राम के परिवार की है।फिलहाल साढ़े 14 लाख की सरकारी धनराशि से गांव में पंचायत भवन बनकर तो तैयार है जिस पर प्रधान ने ताला लगा रखा है।

बेटी के शादी के कारण मान ली प्रधान जी की बात
पीड़ित परिवार की सुनीता देवी ने ग्राम प्रधान गुड्डी देवी और उनके प्रतिनिधि व पति विनोद कुमार गुप्ता पर आरोप लगाया है कि उनकी गांव में मौके की दो मंडा जमीन के बदले प्रधान जी ने इतनी ही जमीन और 1 लाख रुपए देने का वादा किया था। जिसे बिटिया की शादी के दबाव के चलते उन्होंने मान लिया था। जिसमें अभी तक मात्र 65 हजार रुपए ही मिला है। फिर कुछ नहीं मिला, सुनीता ने बताया कि हमने जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं की है। ये जमीन अभी भी हमारे परिवार के नाम से है। प्रधान जी के कहने पर हमने हां की थी, लेकिन जब उन्होंने वादा पूरा नहीं किया तो हमने भी रजिस्ट्री नहीं की। अब हमने आपत्ति की है कि या तो जो वादा किया है उसका भुगतान करें नहीं तो हमारी जमीन खाली करें। अब लगभग साढ़े 14 लाख की सरकारी धनराशि से गांव में पंचायत भवन बनकर तो तैयार है, लेकिन उसमें ताला लगा हुआ है।

बीडीओ 5 प्रतिशत कमीशन मांगते है
जब इस बाबत प्रधान से बात की गई तो उनके प्रतिनिधि और पति विनोद गुप्ता ने बताया कि जिसकी जमीन है उसकी सहमति से ही पंचायत भवन गांव में बना है। जो वादा किया गया था वो पूरा किया जा चुका है। हालांकि रजिस्ट्री की बात पर वो गोलमोल बोलकर बचते दिखे। प्रधान जी ने ये माना कि ग्राम सचिव और पंचायत भवन फिलहाल उन्हीं के आवास से चल रहा है। उन्होंने बाराचवर के खण्ड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार वर्मा पर 5 प्रतिशत कमीशन मांगने का सनसनीखेज आरोप भी लगा दिया और बोले कि मेरी 10 फाइलों को उन्होंने जीरो कर दिया है। उसी में पंचायत भवन का भुगतान भी रुका हुआ है। वहीं इस बाबत जब ग्राम विकास अधिकारी (ग्राम सचिव) बीरेंद्र कुमार गौतम से बात हुई तो उन्होंने पंचायत भवन निर्माण को पूर्व के सचिव पर टालते हुए बताया कि जमीन का चयन और नींव तक का काम पूर्व के सचिव ने किया था और बताया था कि जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है। तब हमने साढ़े चौदह लाख की लागत से पंचायत भवन बनवाया। ग्राम सचिव ने बताया कि रजिस्ट्री की बात प्रधान जी ने भी कही थी लेकिन कागज़ उन्होंने भी नहीं देखा। अब वे भी मानते हैं कि अगर जमीन की रजिस्ट्री नहीं है तो ये भवन गलत बना है।

बीडीओ ने आरोपों को नकारा
अब जब इन आरोपों के साथ पत्रकारों ने स्थानीय खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मनोज कुमार वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि लखनौली ग्राम सभा में पंचायत भवन के खिलाफ स्थानीय परिवार की शिकायत मिली है कि उनके जमीन पर गलत तरीके से पंचायत भवन बनाया गया है। जिसकी जांच भी चल रही है। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम तो पंचायत भवन ग्रामसभा की या सरकारी जमीन पर प्रस्ताव करके बनता है और यदि वैसी जमीन नहीं है तो फिर किसी जमीन को डॉक्युमेंटेशन करा कर ही निर्माण हो सकता है। अगर ऐसा नहीं है तो सरकारी धन का दुरुपयोग भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने माना कि ग्राम प्रधान और उनके प्रतिनिधि आए थे और उन्होंने पंचायत भवन निर्माण की फाइल भी दी थी। जिस पर आपत्ति होने की वजह से जांच चल रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। हालांकि उन्होंने 5% कमीशन की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह आरोप निराधार है। लेकिन ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विनोद कुमार गुप्ता कैमरे पर बीडीओ साहब द्वारा हर काम में 5 प्रतिशत कमीशन मांगने की बात करते वायरल भी हो चुके हैं। 

Content Editor

Prashant Tiwari