‘दूसरे धर्म की पूजा में शामिल होना ईमान की कमजोरी’… मौलाना इस्हाक गोरा का वीडियो वायरल

punjabkesari.in Sunday, Oct 19, 2025 - 04:49 PM (IST)

Maulana Qari Ishaq Gora: सोशल मीडिया पर इन दिनों देवबंदी विचारधारा के वरिष्ठ इस्लामी विद्वान और जमीयत दावातुल मुसलिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इस्हाक गोरा का एक बयान तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में मौलाना धार्मिक सहिष्णुता की वर्तमान व्याख्या पर सवाल उठाते हुए इसे "ईमान की कमजोरी" करार देते हैं। वीडियो में मौलाना इस बात पर जोर देते दिखते हैं कि भाईचारा केवल अच्छे व्यवहार, मदद और इंसाफ के साथ जुड़ा होना चाहिए,  न कि किसी दूसरे धर्म की पूजा या रस्मों में भाग लेने से।

सम्मान जरूरी है, भागीदारी नहीं: मौलाना की दो-टूक
मौलाना इस्हाक गोरा ने कहा, "धर्म हमें दूसरों की इज्जत करना सिखाता है, लेकिन दूसरों के धार्मिक कार्यक्रमों में शरीक होना इस्लाम के खिलाफ है। भाईचारा यह नहीं कि किसी को खुश करने के लिए अपने अकीदे (विश्वास) से समझौता किया जाए।" उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा आचरण “मुनाफिकत” यानी दोहरी सोच को दर्शाता है, और इस्लाम ऐसे दिखावे को नापसंद करता है।

कुरआनी हिदायत का हवाला
मौलाना ने कुरआन की आयत “लकम दीनुकुम वलियदीन” का हवाला देते हुए कहा, "तुम्हारे लिए तुम्हारा धर्म और मेरे लिए मेरा धर्म।” उन्होंने समझाया कि यह आयत स्पष्ट करती है कि इस्लाम में धार्मिक सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।

"असली भाईचारा दिलों को जोड़ता है, आस्थाओं को नहीं"
मौलाना इस्हाक ने अपने बयान में यह भी कहा कि समाज में असली भाईचारा तब होता है जब लोग एक-दूसरे की मदद करें, न्याय करें और किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचाएं। लेकिन दिखावे के लिए किसी पूजा में शरीक होना न भाईचारा है, न सहिष्णुता — बल्कि "आत्मिक भ्रम" है।

समाज से सोच बदलने की अपील
अपने वीडियो के अंत में मौलाना ने मुसलमानों से अपील की कि वे अपने धर्म और पहचान को लेकर सजग रहें, और भाईचारे को केवल अच्छे व्यवहार और मदद से जोड़ें, न कि धार्मिक रीति-रिवाजों की नकल से।


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Content Editor

Mamta Yadav

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