इमरजेंसी रूम के बाहर तड़पते रहे मरीज, डॉक्टर अंदर गहरी नींद में मस्त

punjabkesari.in Wednesday, Dec 20, 2017 - 06:06 PM (IST)

मऊः कहते है डॉक्टर भगवान का रूप होता है लेकिन मऊ जनपद जिला अस्पताल के डॉक्टर जल्लाद हो चुके है। वह अपनी ड्यूटी छोड़ आराम फरमाने में ज्यादा वक्त गुजारते है। ताजा मामला मऊ जिले का है, जहां खेतो में छिड़कने वाली कीटनाशक दवा बच्चे ने पी ली। जिसके बाद परिजन बच्चे को आनन-फानन में जिला अस्पताल लेकर आए। वहां ड्यूटी में मौजूद डॉक्टर सुबोध चन्द्र यादव इमरजेंसी छोड़ दुसरे कमरे में आराम फरमा रहे थे।

जिसके बाद डॉक्टर को सूचना देकर इमरजेंसी में बुलाया गया। डॉ सुबोध इमरजेंसी में आकर बच्चे की हालत देखने के बाद अपने तीमारदारों को ये समझाने में लग जाते हैं कि उनके पास सारी सुविधाए नहीं है। वो अपने मरीज को किसी और अस्पताल में ले के जाए। मरीज के परिजन गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन डॉक्टर सुबोध चन्द्र यादव का दिल नहीं पसीजा। आखिर परिजनों मरीज को प्राइवेट अस्पताल ले के जाने पर मजबूर हो जाते है।

इस मामले में अस्पताल के सी एम् एस डॉ ब्रिज कुमार पूछा गया तो वह कैमरे से बचाव करते नजर आए। एेसे में सवाल उठाना लाजमी है कि क्या डॉक्टर सिर्फ अस्पतालों में आराम फरमाने आते है। उन्हें मरीजों का इलाज न करना पड़े इस लिए सरकारी अस्पतालों से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में रेफर कर देते है।