पूर्व सांसद रमाकांत यादव का बड़ा बयान, कहा-धर्म के नाम पर बनाया जा रहा लोगों को गुलाम

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 02:32 PM (IST)

आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से पूर्व सांसद रमाकांत यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा कि मैं मूर्ति पूजा का विरोध करता हूं। मंदिर छोड़कर शिक्षा के मंदिर में जाकर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने अपने आवास पर कुछ युवकों के हाथ से रक्षा सूत्र को भी कटवा दिया। 

दरअसल आजमगढ़ जिले के अम्बारी निवासी पूर्व सपा सांसद रमाकांत यादव से मिलने उनके क्षेत्र के कुछ युवक उनके आवास पहुंचे थे जिनके कलाई पर रक्षा सूत्र बंधे थे। जिनका विरोध करते हुए पूर्व सांसद ने रक्षासूत्र को कटवा दिया और कहा कि लोगों को धर्म के नाम पर गुलाम बनाया जा रहा है। लोग कब तक धर्म के नाम पर ठगे जाएंगे। 

इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में जब मूर्ति की रक्षा देवता नहीं कर पाते तो वह हमारी रक्षा क्या करेंगे। मूर्ति की पूजा करने वाला न कभी डीएम बना और न एसपी। हालांकि इस दौरान उन्होंने युवाओं को शिक्षा के प्रति अग्रसर होने और शिक्षा के मंदिर में ज्ञान लेने की सलाह दी। 

शिक्षा से होगा समाज, देश व व्यक्ति का विकास
आगे उन्होंने कहा कि शिक्षा हासिल करने से ही समाज, देश व व्यक्ति का विकास होगा और यह तभी सम्भव होगा जब लोग पत्थर की मूर्ति वाले मंदिर में जाना छोड़ेंगे। रक्षासूत्र को कटवाते हुए उन्होंने कहा कि युवक भ्रमित न हों इसलिए उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया जा रहा है। 

सावन में गरीब बच्चे कांवड़ और अमीर बच्चे किताब लेकर चलते हैं 
रमाकांत ने कहा कि बीते दिनों पटना के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में सहयोग राशि 10 करोड़ रूपया दान करने का ऐलान किया और ढाई करोड़ का चेक भी उन्होंने दिया था, लेकिन अगर उन्हीं से कहा जाय कि गरीबों की सुविधा के लिए कोई कार्य किया जा रहा है उसमें चंदा दीजिए तो वह नहीं देंगे। इसी अस्था के चलते हमारा नौजवान गुमराह होता है। सावन में गरीब तबके के लोग कांवड़ लेकर बाबा धाम जाते हैं और अमीर के बच्चे किताब लेकर पढऩे जाते हैं। वह डीएम व एसपी बनते हैं और वहीं गरीब के बच्चे चपरासी भी नहीं बन पाते। इसलिए आस्था का विरोध होना चाहिए।

56 इंच का सीना चीन के खिलाफ 26 इंच का हो जाता है
वहीं भारत-चाइना विवाद पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से टकराव के समय में प्रधानमंत्री का सीना 56 इंच था और चाईना से टकराव में प्रधानमंत्री का सीना 26 इंच हो जाता है।


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Ajay kumar

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