कानूनी प्रक्रिया से धर्म परिवर्तन के लिए लोग स्वतंत्र, लेकिन अखबार में देना होगा विज्ञापन: इलाहाबाद हाईकोर्ट

punjabkesari.in Friday, Apr 12, 2024 - 10:27 AM (IST)

UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन मामले पर आदेश जारी कर कहा कि देश में लोग कानूनी प्रक्रिया से धर्म परिवर्तन के लिए स्वतंत्र है। लेकिन उन्हें धर्म परिवर्तन का अखबार में विज्ञापन देना होगा। हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि कानूनी प्रक्रिया से हुआ धर्म परिवर्तन वैध है, लेकिन इसे छिपाकर ना किया जाए।

PunjabKesari
इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की पीठ ने एक आदेश जारी कर कहा है कि देश में कोई भी व्यक्ति धर्म बदलने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन यह धर्म परिवर्तन के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है। कानूनी प्रक्रिया से हुआ धर्म परिवर्तन वैध माना जाता है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए शपथ पत्र और समाचार पत्र में विज्ञापन दिया जाना जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि धर्म परिवर्तन से कोई सार्वजनिक आपत्ति नहीं है। ये भी सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि कोई धोखाधड़ी या अवैध धर्म परिवर्तन नहीं है। साथ ही सभी सरकारी आईडी पर नया धर्म दिखाई देना चाहिए।

यह भी पढ़ेंः आज Moradabad में हुंकार भरेंगे गृहमंत्री Amit Shah, BJP प्रत्याशियों के समर्थन में करेंगे जनसभा को संबोधित

PunjabKesari
हाईकोर्ट ने यह आदेश वारिस अली की याचिका पर दिया है। याची ने कोर्ट में बताया है कि उसने शिकायतकर्ता की बेटी से शादी की है। जिससे उन्हें एक बेटी है। दोनों साथ रह रहे हैं। शिकायतकर्ता ने दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। दर्ज मुकदमे को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में वाद दायर किया गया है। याची का कहना है कि उसने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है। इस पर राज्य सरकार के अधिवक्ता सत्यापन के लिए कोर्ट से समय मांगा है कि धर्म परिवर्तन शादी के लिए किया गया या वैधानिक प्रक्रिया अपनाकर अपनी मर्जी से किया गया है। इस मामले पर कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 6 मई की तारीख तय की है।   


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Pooja Gill

Related News

static