जल्दी Vaccine लगवाने की चाह में दूसरे राज्यों के लोग पहुंच रहे मेरठ, निवासियों को नहीं मिल पा रही डोज
punjabkesari.in Saturday, Jun 05, 2021 - 09:18 PM (IST)
मेरठः खतरनाक कोरोना वायरस ने अपनी दूसरी लहर में लाखों की तादाद में लोगों को संक्रमित किया और हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया। वहीं इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लगवाने की सलाह दे रहीं हैं। सरकार का साफ तौर पर लोगों से आग्रह है कि कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं। इसी क्रम में लोगों में कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने की होड़ लगी हुई है।
आलम ये है कि लोग अब कोरोना की वैक्सीन जल्द से जल्द लगवाने के लिए न सिर्फ अपना शहर बल्कि अपना राज्य भी पार करके दूसरे राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवाने का प्रयास कर रहे हैं। जिसकी वजह से उस ज़िले में मूल रूप से रहने वाले लोगों को वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है लेकिन दूसरे राज्यों की वजह से ज़िले के मूल निवासी वैक्सिनेशन के लिए अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा पा रहे हैं।
आलम ये है कि जल्द से जल्द वैक्सिनेशन की चाह में उत्तर प्रदेश से लगे दिल्ली और हरियाणा के लोग नजदीकी जिले मेरठ में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रहे हैं। वैक्सीनेशन के लिए जिस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना है उस पर दिल्ली और हरियाणा के लोग स्लॉट खुलते के साथ ही अपना रजिस्ट्रेशन करा देते हैं और फिर वैक्सीनेशन के लिए बताए गए वैक्सिनेशन सेंटर के पते पर पहुंचकर डॉक्टरों से वैक्सिनेशन के लिए कहते हैं और जब डॉक्टर उन्हें दूसरे राज्य का होने की वजह बताकर वैक्सीनेशन के लिए मना करते हैं तो दूसरे राज्यों से आए ये लोग डॉक्टरों से भी बदतमीजी करने पर उतारू हो जाते हैं।
ऐसी ही कई घटनाएं मेरठ में भी हो चुकी है जिसके चलते अब सरकारी डॉक्टरों ने सरकार से ये मांग की है कि फिलहाल के लिए कोवैक्सीन को बंद कर दिया जाए और कोविशील्ड को भी बढ़ावा दिया जाए। साथ ही साथ सरकारी डॉक्टरों ने इस बात की भी गुहार लगाई है कि निर्धारित सीमा में मेरठ के लिए मिल रही कोरोना वैक्सीन को सिर्फ मेरठ के ही नागरिकों को लगाया जाए क्योंकि हर राज्य और हर ज़िले का कोटा केंद्र सरकार ने निर्धारित किया है और उसी के तहत सभी राज्यों तथा जिलों को वैक्सीन मिल रही है जो कि उस ज़िले के मूल निवासियों के लिए ही है।