VIDEO: परवेज मुशर्रफ को कारगिल युद्ध का गुनहगार मानते हैं कोताना के लोग, निधन के बाद भी नहीं हुआ लोगों को अफसोस

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2023 - 12:25 PM (IST)

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ का दुबई में निधन हो गया... परवेज मुशर्रफ लंबे समय से बीमार थे और दुबई के एक अस्पताल में भर्ती थे... जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई... बता दें कि नवाज़ शरीफ़ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट करके 7 साल तक पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज रहे परवेज़ मुशर्रफ को कारगिल का गुनहगार माना जाता है... माना जाता है कि परवेज मुशर्रफ की वजह से कारगिल की लड़ाई लड़ी गई थी... जिसमें दोनों तरफ से सैनिक मारे गए थे... हालांकि पाकिस्तान में 7 साल बाद सत्ता से बेदखल होते ही मुसरफ के भी बुरे दिन शुरू हो गए थे... जिसके बाद उन्हे देश निकाला भी झेलना पड़ा... सत्ता खत्म होते ही वो अपने मुल्क से भी बाहर हो गए... लेकिन आखिरकार अब  मुशर्रफ का निधन हो गया.... बता दें कि मुसरफ का यूपी के बागपत से बड़ा कनेक्शन है... दरअसल परवेज़ मुसरफ के पिता नसीबुदीन और माता दोनों के ही परिवार बागपत के कोताना गांव के रहने वाले थे।

बता दें कि ब्रिटिश हुकूमत में अहोदेदार पदों पर रहने वाले मुसरफ के पिता और मुसरफ की मां  का परिवार कोताना में ही अलग- अलग हवेलियों में रहते थे... हालांकि परवेज़ की पैदाईस से पहले ही दोनों परिवार कोताना को छोड़ चुके थे... परवेज़ का जन्म दिल्ली में नाहर वाली हवेली में हुआ था... लेकिन परवेज़ के परिवार वालों की पुश्तैनी जायदाद कोताना में ज्यों की त्यों थी... लेकिन बंटवारे के बाद  परवेज़ का परिवार पाकिस्तान चला गया... जिसके बाद परवेज पाकिस्तानी सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान के राष्ट्रपति तक बन गए... लेकिन जब कारगिल का युद्ध लड़ी गई तो बागपत का कोताना गांव परवेज मुशर्रफ को देश का गुनहगार मानता रहा... और अब जब परवेज मुसरफ का निधन हुआ तो गांववालों ने कहा कि उन्हें परवेज़ मुशर्रफ की मौत का कोई अफसोस नहीं है।

हालांकि मुशर्रफ की वालिदा ने अपने भारत दौरे के दौरान इच्छा जाहिर की थी कि वो कोताना जाना चाहती हैं... लेकिन तब भी कोताना के लोगों ने विरोध किया था... अह भी मुसरफ की मौत की खबर के बाद भी कोताना गांव के लोग  कुछ भी कहना नहीं चाहते हैं।

Content Editor

Anil Kapoor