लॉकडाउनः वाराणसी आकर फंसे दूसरे राज्यों के लोगों की वापसी शुरू

punjabkesari.in Thursday, May 07, 2020 - 05:33 PM (IST)

वाराणसीः कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। लिहाजा पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। जो जहां है वहीं फंसकर रह गया है। ऐसे में दूसरे प्रांतों से आकर बनारस में फंसे लोगों की घर वापसी शुरू हो गई है। फिलहाल राजस्थान और झारखंड के लोगों को सबसे पहले मौका मिला है। कोई शादी में आकर फंस गया था तो कोई बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आया और लॉकडाउन के कारण यहीं रह गया था। करीब 45 दिनों बाद घर वापस जाने की खुशी इनके चेहरों से झलक रही थी।

बता दें कि बुधवार की रात से राजस्थान और झारखंड के 1859 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण शुरू होने हुआ इसके बाद गुरुवार की सुबह से  इन्हें  बसों से रवाना करना शुरू कर दिया गया। इन्हें नि:शुल्क घर भेजा जा रहा है। इसमें कामगार के अलावा ज्यादातर छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटक हैं। इन लोगों को वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जाने का मौका मिला है।

राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने वाले 494 लोगों के लिए परिवहन निगम की बसों का इंतजाम करवाया गया है। ये बसें संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के खेल मैदान से सुबह 7 बजे से रवाना होनी शुरू हुई हैं। रवानगी से पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग कराई गई। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं मिलेंगे, उन्हें बसों से राजस्थान के भरतपुर जिले के लिए रवाना कर दिया जाएगा। भरतपुर से आगे वहां की सरकार प्रबंध करेगी। इसी प्रकार झारखंड के 1365 लोगों ने पिछले दिनों रजिस्ट्रेशन कराया था। इन्हें झारखंड के गढ़वा जिले भेजने के लिए बसों की व्यवस्था कैंट स्थित रोडवेज बस अड्डे पर की गई है। सभी की मेडिकल जांच होने के बाद सुबह आठ बजे बसों से सोनभद्र होते हुए  भेजा जा रहा है। गढ़वा में झारखंड सरकार व्यवस्था करेगी। सभी यात्रियों को अपने पास फोटो आईडी कार्ड और यथासंभव आधार कार्ड भी रखना होगा।

डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि  बिहार के 2300 यात्रियों को बस या ट्रेन से भेजने का प्रबंध किया जा रहा है। अब भी किसी ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो वह अपने नजदीकी थाने पर भी करा सकता है। आज शाम तक जिन लोगों की सूची मिलेगी। उन्हें भिजवाया जाएगा। बताया कि पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के यात्रियों के लिए भी उनकी सरकार से बातचीत चल रही है। जल्द ही उन्हें भी भेजने का प्रबंध किया जाएगा।


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Author

Moulshree Tripathi

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