बाराबंकी की गरीब नवाज मस्जिद गिराए जाने के मामले ने पकड़ा तूल: इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर

punjabkesari.in Saturday, Jun 12, 2021 - 04:39 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने बाराबंकी के राम सनेही घाट तहसील में गरीबनवाज मस्जिद गिराए जाने के मामले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ का रूख किया हैं। बोर्ड के वकील सऊद रईस ने शनिवार को बताया कि "बाराबंकी में एक सदी पुरानी गरीब नवाज मस्जिद को ढहाये जाने के मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष याचिका दायर की है। बोर्ड ने राम सनेही घाट के तत्कालीन उप जिलाधिकारी दिव्यांशु पटेल की अदालत द्वारा मस्जिद गिराये जाने के गत तीन अप्रैल के आदेश को भी रद्द करने की मांग की है।

"याचिकाओं ने अदालत से कई तरह की राहत देने का आग्रह किया गया है जिनमें राम सनेही घाट तहसील के उप जिलाधिकारी द्वारा 3 अप्रैल को पारित आदेश को रद्द करने, स्थानीय अधिकारियों को ध्वस्त की गई मस्जिद का पुनर्निर्माण कराने का आदेश देने और मस्जिद प्रबंध समिति को विवादित भूमि पर मस्जिद के पुनर्निर्माण की अनुमति देने की मांग, और मस्जिद के स्थान, वक्फ भूमि और संपत्ति पर जिस स्वतंत्रता संग्राम स्मारक बाल उदयान का उदघाटन किया है उसका उपयोग को बंद करने का निर्देश देने के आदेश संबंधी अनुरोध शामिल हैं।''

वकील ने बताया, "याचिका में उत्तर प्रदेश राज्य को उक्त मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये की राशि का भुगतान करने और उत्तर प्रदेश राज्य को तत्कालीन राम सनेही घाट, बाराबंकी के एसडीएम के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश देने की भी मांग की गई हैं।” गौरतलब है कि राम सनेही घाट में उप जिलाधिकारी आवास के सामने स्थित एक पुरानी मस्जिद को पिछली 17 मई को प्रशासन ने कड़े सुरक्षा बंदोबस्त के बीच ध्वस्त करा दिया था और उसका मलबा भी हटवा दिया था।

वहीं जिलाधिकारी आदर्श सिंह ने इस बारे में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि वह मस्जिद नहीं बल्कि अवैध आवासीय परिसर था, जिसे राम सनेही घाट उप जिला मजिस्ट्रेट के पिछली तीन अप्रैल के आदेश पर ध्वस्त किया गया है।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दोषी अधिकारियों के निलंबन उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने और मस्जिद को दोबारा बनवाने की मांग की थी।

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Umakant yadav