रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर रोक के लिए हाईकोर्ट में पड़ी याचिका, जानिए क्या है पूरा मामला

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2024 - 02:38 PM (IST)

प्रयागराज: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह मंगलवार से शुरू हो गया। इसे लेकर रामक्तों में उत्तसाहर की लहर है, लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर सामने निकर कर आई है। दरअसल, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गयी है। याचिकाकर्ता ने पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों प्राण प्रतिष्ठा पर रोक लगाने की भी मांग की है। साथ ही शंकराचार्य की आपत्तियों का हवाला देते हुए इसे सनातन परंपरा के खिलाफ बताया है।

दरअसल, गजियाबाद के भोला दास की ओर से दाखिल याचिका में आरोप है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव लाभ उठाने के लिए यह आयोजन कर रही है। याचिका में कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर शंकराचार्य की आपत्ति है। इतना ही नहीं पूस के महीने में कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते हैं इसके अलावा मंदिर अभी अपूर्ण है और अपूर्ण मंदिर में किसी भी देवी, देवता की प्राण-प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है। 

आप को बता दें कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह मंगलवार को शुरू हो गया। मंदिर न्यास के एक सदस्य और उनकी पत्नी की अगुवाई में इस दौरान कई अनुष्ठान हुये। मंगलवार से शुरू हुए अनुष्ठान नए मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के साथ संपन्न होंगे। राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, ‘‘अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा। 11 पुजारी सभी ‘देवी-देवताओं' का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं।'' इस महीने की 22 तारीख तक चलने वाले अनुष्ठान में यजमान मंदिर न्यास के सदस्य अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा हैं। अनिल मिश्रा ने स्वयं इसकी पुष्टि की है। आमतौर पर, यजमान पूजा कार्यक्रम का मुख्य ‘मेजबान' होता है। यजमान की ओर से ही प्रार्थना की जाती है।

 मिश्रा को सभी दिन अनुष्ठान में भाग लेना होगा, जिसमें 22 जनवरी का कार्यक्रम भी शामिल है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इससे पहले, इस बात पर बहस हुई थी कि क्या (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी वह भूमिका निभाने के हकदार हैं जो आमतौर पर एक ‘गृहस्थ' को मिलती है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आखिर में मोदी भाषण देंगे जिसमें 8,000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। हालांकि, उनमें से कुछ लोगों को ही मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने की अनुमति होगी। ट्रस्ट ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सात अधिवास हैं।

अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन 121 आचार्य कर रहे हैं और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय एवं निर्देशन कर रहे हैं। प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे। आने वाले दिनों में तीर्थ पूजन, जल यात्रा और गंधाधिवास जैसे अनुष्ठान होंगे। इसमें सोमवार को प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन हुआ। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12.20 बजे शुरू होगी और दोपहर एक बजे तक उसके संपन्न होने की उम्मीद है

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Ramkesh