बारांबकी: प्रशासन पर सवाल उठाने वाली तस्वीरें, विकलांगों के लिए व्हीलचेयर तक नहीं.... गोद में उठाकर परिजनों ने कराया मतदान

punjabkesari.in Thursday, May 11, 2023 - 02:39 PM (IST)

बाराबंकी(अर्जुन सिंह): उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में निकाय चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रहा है। मतदान के दौरान जनपद से कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिसने प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए। जिले में कई ऐसे पोलिंग बूथ हैं जहां पर विकलांगों के लिए व्हीलचेयर तक नहीं मौजूद थी। विकलांग और बीमार लोगों को परिवार वाले गोद में उठाकर पोलिंग बूथ पर ले जाकर वोट करा रहे थे। कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिसमें बीमार और बुजुर्ग लोग पोलिंग बूथ पर आते-आते काफी ज्यादा परेशान हो गए। कुछ ऐसे पोलिंग बूथ हैं जहां पर लोग कड़ी धूप में खड़े होकर मतदान कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए थी, जिससे लोगों को परेशान नहीं होना पड़ता।

मतदान केंद्र पर बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए नहीं थी कोई व्यवस्था
जानकारी के मुताबिक, बाराबंकी के फतेहपुर नगर पंचायत के नेशनल इंटर कॉलेज में बनाए गए पोलिंग बूथ से एक तस्वीर ऐसी सामने आई, जहां पैरालाइसिस की बीमारी से ग्रस्त एक व्यक्ति को मतदान के लिए परिवार वाले उसे गोद में उठाकर मतदान केंद्र तक ले गए। इस दौरान फतेहपुर नगर पंचायत के नेशनल इंटर कॉलेज में बनाए गए मतदान केंद्र पर बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। चलने में असमर्थ बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए यहां व्हीलचेयर तक नहीं थी। व्हीलचेयर नहीं होने के चलते परिवार वालों को बीमार व्यक्ति को गोद में ही उठाकर मतदान कराना पड़ा।

व्हीलचेयर की व्यवस्था होती तो उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता
आपको बता दें कि बीमार व्यक्ति को मतदान कराने आए परिजनों का कहना था कि यदि यहां व्हीलचेयर की व्यवस्था होती तो उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता, यह प्रशासन की लापरवाही है। वहीं जिले से कई अन्य तस्वीरें भी सामने आई जहां पर बीमार बुजुर्ग व्यक्ति गोद में या दूसरों का सहारा लेकर मतदान केंद्र पर अपना मतदान करने पहुंचे। जिले के कुछ केंद्रों ऐसे थे,जहां पर लोग कड़ी धूप में खड़े होकर मतदान करने को मजबूर थे। प्रशासन ने यहां टेंट की व्यवस्था तक नहीं की थी। लोगों का कहना है कि प्रशासन को व्यवस्था करनी चाहिए थी जिससे लोगों को परेशान नहीं होना पड़ता।

Content Editor

Anil Kapoor