Kushinagar Airport: PM मोदी ने कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय Airport का किया उद्घाटन, पहला अंतरराष्ट्रीय विमान उतरा

punjabkesari.in Wednesday, Oct 20, 2021 - 12:10 PM (IST)

कुशीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शरद पूर्णिमा के शुभ अवसर पर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में 260 करोड़ से नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। इसके साथ ही यह यूपी का तीसराअंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है। जहां श्रीलंका के कोलंबो से "बुद्ध के अवशेष, महासंघ और श्रीलंका के कैबिनेट मंत्री नमल राजपक्षे सहित बौद्ध भुझिुओं को लेकर पहला विमान उतरा। जिसका पीएम मोदी ने स्वागत किया।


बता दे कि  प्रधानमंत्री 9.55 मिनट पर कुशीनगर पहुंचे। इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनका स्वागत किया।


अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इस सप्ताह चालू हो जाएगा जिससे पूर्व में होने वाली जटिल यात्रा को सुगम बनाया जा सके और भारत में अंतररष्ट्रीय बौद्ध तीर्थयात्रियों की हवाई यात्रा आवश्यकताओं को सरल बनाया जा सके। पहली उड़ान 125 गणमान्य व्यक्तियों और बौद्ध भिक्षुओं के साथ श्रीलंका के कोलंबो से इस हवाई अड्डे पर उतरेगी। इस हवाई अड्डे से दुनिया भर के बौद्धों को भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल की यात्रा करने की सुविधा मिल सकेगी।


भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 260 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 3600 वर्गमीटर में फैले नए टर्मिनल भवन के साथ कुशीनगर हवाई अड्डा तैयार किया है। नया टर्मिनल भीड़भाड़ वाले समय में 300 यात्रियों के लिए आने-जाने की सुविधा प्रदान करेगा।


कुशीनगर एक अंतररष्ट्रीय बौद्ध तीर्थ केन्द्र है, जहां भगवान गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। यह बौद्ध सकिर्ट का केन्द्र बिंदु भी है, जिसमें लुंबिनी, सारनाथ और गया के तीर्थस्थल शामिल हैं। हवाई अड्डा बौद्ध धर्म के और अधिक अनुयायियों को देश और विदेश से कुशीनगर आकर्षित करने में मदद करेगा और बौद्ध विषय वस्तु आधारित सकिर्ट के विकास को बढ़ाएगा। बौद्ध सकिर्ट के लुंबिनी, बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, राजगीर, संकिसा और वैशाली की यात्रा अब कम समय में पूरी हो सकेगी।



कुशीनगर हवाई अड्डे से दुनिया के विभिन्न हिस्सों के तीर्थयात्रियों को इस क्षेत्र के विभिन्न बौद्ध स्थलों से निर्बाध संपकर् प्रदान करने की सुविधा मिलेगी। दक्षिण एशियाई देशों के साथ सीधा विमान सम्पकर् श्रीलंका, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, चीन, थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर आदि से आने वाले पर्यटकों के लिए कुशीनगर पहुंचने और क्षेत्र की समृद्ध विरासत का अनुभव करना आसान बना देगी। उड़ान के उद्घाटन के साथ पर्यटकों के आगमन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है।


कुशीनगर अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा न केवल तीर्थ स्थल को अंतररष्ट्रीय विमानन मानचित्र पर रखेगा बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। यह होटल व्यवसाय, पर्यटन एजेंसियों, रेस्तरां आदि को बढ़ावा देकर आतिथ्य उद्योग पर कई गुना प्रभाव डालेगा। यह फीडर परिवहन सेवाओं, स्थानीय गाइड की नौकरियों आदि में अपार अवसर खोलकर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगा। स्थानीय उद्योग और उत्पाद को वैश्विक मान्यता मिलेगी। यह सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देगा और स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं को संरक्षित करने में भी मदद करेगा। कुशीनगर में हवाई अड्डे के विकास से कुशीनगर को बौद्ध तीर्थयात्रा के चार प्रमुख स्थानों में से एक के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। यह कुशीनगर को बौद्ध सकिर्ट के हिस्से के रूप में प्रमुखता प्रदान करने में मदद करेगा। इसके अलावा, इससे भारत को मूल बौद्धिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सकेगा और दुनिया भर में बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का प्रसार होगा। दो करोड़ से अधिक आबादी हवाई अड्डे की सेवाएं ले सकेगी, क्योंकि हवाई अड्डे के परिक्षेत्र में लगभग 10-15 जिले हैं और यह पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के पश्चिमी/उत्तरी भाग की बड़ी प्रवासी आबादी के लिए सहायक सिद्ध होगा। इससे बागवानी उत्पादों जैसे केला, स्ट्रॉबेरी और मशरूम के निर्यात के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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Umakant yadav