रंग लाया PM मोदी का प्रयास, गंगा में 9 से 11 के बीच पहुंचा ऑक्सीजन का लेवल

punjabkesari.in Saturday, Feb 15, 2020 - 05:14 PM (IST)

कानपुरः लोकसभा चुनाव 2014 के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी में कहा गया वाक्य मैं आया नहीं मुझे मां गंगा ने बुलाया हैदिखाता है कि उन्हें गंगा नदी से अगाध प्रेम है। गंगा को अविरल-निर्मल बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयास रंग लाता दिखाई देने लगा है। नदी में घोंघा, झींगा और सीप की तादाद बढ़ती जा रही है। वहीं जल में घुलित ऑक्सीजन का लेवल भी खासा बढ़ गया है।

गंगा बैराज से शेखुपुर तक लिये गंगा जल के सैंपल
बता दें कि हाल ही में गंगा बैराज से शेखुपुर तक लिये गंगा जल के सैंपल की जांच में शुभ संकेत दिखाई दिए हैं। प्रदूषण से राहत की संजीवनी मिलने पर गंगा मइया फिर से खिलखिला उठी हैं। जलीय जंतु बढऩे की रिपोर्ट सामने आने से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों में भी खास खुशी देखी गई।

गंगा में बढ़ा है घोंघा, सीप व झींगा का विचरण
बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. एसबी फ्रेंकलिन ने बताया कि गंगा बैराज और शेखपुर (डाउन स्ट्रीम) में गंगा जल के नमूनों की जांच की। इसमें एक फरवरी से लेकर अब तक के आंकड़ों के मुताबिक जाना गांव, ड्योढ़ी घाट व जाजमऊ पुल पर गंगा में घोंघा, सीप व झींगा का विचरण बढ़ा है। घुलित ऑक्सीजन (डीओ) की मात्रा बढऩे पर ही यह जलीय जंतु जीवित रहते हैं। साल 2014 में डीओ औसतन साढ़े छह मिलीग्राम प्रतिलीटर थी जो अब बढ़कर 11 मिलीग्राम प्रति लीटर के करीब पहुंच गई है। छह साल पहले रोगजनक बैक्टीरिया की मात्रा अधिकतम 99 हजार प्रति सौ मिली थी जो अब 35 हजार प्रति सौ मिली रह गई है।

पेयजल व जलीय जीवों के लिए पानी का मानक
पेयजल व जलीय जीवों के लिए पानी की शुद्धता के मानक तय हैं। इसमें डीओ 06 मिलीग्राम प्रति लीटर व उससे अधिक, टोटल डिजाल्व सालिड्स (टीडीएस) 500 मिलीग्राम प्रति लीटर व बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 05 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होना चाहिए। इसके अलावा अधिक पीएच वाला पानी अम्लीय माना जाता है। मानक के अनुसार इसकी मात्रा 6.5 से 8.5 के बीच होनी चाहिए।


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Ajay kumar

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