बांदा में बोले PM मोदी- मेरी जाति का सर्टिफिकेट बांटने में जुटे हैं SP और BSP वाले

punjabkesari.in Thursday, Apr 25, 2019 - 02:54 PM (IST)

बांदाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बांदा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सपा-बसपा वाले मेरी जाति का सर्टिफिकेट बांटने में जुटे हैं और कांग्रेस के नामदार मोदी के बहाने पूरे पिछड़े समाज को ही गाली देने में लगे हैं। ये जात-पात, पंथ-संप्रदाय तक ही सोच सकते हैं। एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात ये करना नहीं चाहते हैं। 

उन्होंने कहा कि आप मुझे बताइए हमारे देश के महान बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, झांसी की रानी और सुभाष चंद्र बोस किस जाति के थे? एक भी महापुरुष अपनी जाति से नहीं जाना जाता बल्कि अपने कार्यों से जाना जाता है। हर कोई भारतवासी था। आजादी के इतने वर्षों तक जाति-बिरादरी के नाम पर वोट मांगे गए, लेकिन फिर क्या हुआ? सत्ता में आते ही बदले की कार्रवाई शुरु हो जाती थी। राजनीति के इस मॉडल ने सिर्फ व्यक्ति-व्यक्ति में ही भेद नहीं किया बल्कि क्षेत्रों के आधार पर भी भेदभाव किया।

मोदी ने कहा कि जमीन से पूरी तरह कट चुके लोग इस बार अपने ही खेल में फंस गए हैं। इनको पता ही नहीं चला कि 21वीं सदी का वोटर, ये नौजवान जिसकी जिंदगी के सारे सपने अधूरे हैं और वो इन्हें पूरा करने के लिए खपने को तैयार है वो क्या चाहता है? वो इन नेताओं की समझ से बाहर है। इस लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने जा रहा नौजवान, नए भारत के नए संस्कारों का निर्माण कर रहा है। इसकी वजह है कि उस पर अतीत का बोझ नहीं है, उसके पास सिर्फ भविष्य के सपने हैं।

पीएम ने कहा कि हमने संकल्प लिया है कि पानी के लिए अलग से जलशक्ति मंत्रालय बनाया जाएगा, जिसका अलग से बजट होगा। नदियां हो, समंदर हो, वर्षा का पानी हो, जितने भी संसाधन हैं सब जगह से तकनीक का उपयोग करके जरूरतमंद क्षेत्रों में जल पहुंचाया जाएगा। आज जो गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, वहां हर जाति, हर पंथ के लोग चलते हैं। हर गांव और हर घर तक बिजली पहुंच रही है, वो हर जाति, हर पंथ को मिल रही है।

उन्होंने कहा कि जनहित के लिए बड़े काम तभी होते हैं जब समर्पण भाव से किए जाए। जब सत्ताभोग के बजाय सेवा भाव से काम होता है तब ऐसे काम होते हैं। यहां की बहनों का पानी को लेकर संघर्ष में अनुभव करता हूं, मैंने यह दर्द करीब से देखा है। इस चुनौती को भी इस चौकीदार ने स्वीकार किया है। जैसे पहले चूल्हे के धुएं से मुक्ति दी, उसी तरह अब पानी की समस्या से निपटा जाएगा।

Deepika Rajput