PM मोदी को आदर्श मानने वाली ये बेटी कबाड़ के सामान से कमा रही है लाखों

punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2017 - 04:03 PM (IST)

वाराणसीः पीएम नरेन्द्र मोदी के ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ का असर अब काशी में भी देखने को मिला है। आपने कम ही सुना होगा कि आज की युवा पीढ़ी लाखों की सैलरी छोड़ समाज को बदलने में लग गई है। ऐसी ही मिसाल वाराणसी की एक ग्रेजुएट छात्रा शिखा शाह बन चुकी है जो नगर निगम के कबाड़ से काशी के हर घर को संवारने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन आपको यह जान के हैरानी होगी कि जिस कबाड़ को आप रद्दी समझ के फेंक देते हैं। उसी कबाड़ से अब ये बेटी लाखों कमा रही हैं।
               
मोदी को मानती है अपना आर्दश
जानकारी के अनुसार ये बेटी पीएम मोदी को अपना आदर्श मानती है। जिसने पूरे देश की सोच को बदल कर रख दिया। इरादे नेक हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता। शिखा ने मोटी सैलरी की नौकरी को लात मारकर शहर के कबाड़ से अपना और तमाम बेरोजगारों के जीवन को सवांरने के लिए एक कदम बढ़ाया है।
                

कचरे से बनाती है खूबसूरत चीजें
शिखा कहती हैं कि उन्होंने सबसे पहले अपने घर के कबाड़ से शुरुआत की और इसके बाद उन्होंने नगर निगम में आने वाले कबाड़ को लेना शुरू किया। उसको छांटकर उससे इतनी खूबसूरत चीजें तैयार करने लगी जिसे देख कर किसी को भरोसा ही नहीं होता है कि कबाड़ से भी इतनी खूबसूरत और उपयोगी चीज बनाई जा सकती है। मोदी के स्टार्टअप की शुरुआत करने से शिखा के हौसले को जैसे चार चांद लग गए। शिखा का व्यापार अब बढ़ने लगा है।
               

प्रतिभा,लगन और मेहनत से हुनरमंदों को किया पैरों पर खड़ा 
शिखा ये हुनर दूसरों को सैलरी देकर सिखाती है। शिखा अपने सपने और समाज को संदेश देने के इरादे में काफी हद तक सफल भी हो चुकी है। शिखा दो साल पहले बिना किसी की मदद के ही नगर निगम के बेकार पड़े कबाड़ को 20 हजार में खरीद लिया। अपने सपने और काशी को सवांरने के साथ ही स्वच्छता का संदेश देने की राह पर अकेले ही निकल पड़ी । उन्होंने अपनी प्रतिभा, लगन और मेहनत से आधा दर्जन से ज्यादा बेरोजगार हुनरमंद को अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है।
               
कायम की एक मिसाल
काशी की इस बेटी ने कचरे से आंगन चमका डाला। जिसने भारत वर्ष में एक अलग मिसाल कायम कर दी है। समाज में शिखा जैसी युवा पीढ़ी की जरूरत है। जो अपने भविष्य को चमकाने के साथ-साथ समाज को बेहतर बनाने के रास्ते तलाशती है।