टिड्डियों के बाद ‘पोक्का बोइंग'' रोग बना किसानों के लिए सिरदर्द

punjabkesari.in Monday, Jul 20, 2020 - 08:54 AM (IST)

कुशीनगरः उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में गन्ना किसानों की मिठास पर टिड्डियों के हमले के बाद अब ‘पोक्का बोइंग' रोग का हमला हो गया है। अकेले कुशीनगर में गन्ना विभाग के दावे के मुताबिक 1500 हेक्टेयर में ही अब तक यह रोग दिखा है। इस रोग का असर प्रदेश के अन्य जिलों में भी दिखाई देने लगा है। जिसे लेकर बीमारी की रोकथाम के लिए सर्वेक्षण के साथ किसानों को जागरुक भी किया जा रहा है।

जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि कुशीनगर में 1500 हेक्टेयर में गन्ना की फसल पोक्का बोइंग बीमारी से प्रभावित है। गन्ना विकास विभाग, गन्ना विभाग और चीनी मिले अपने अपने क्षेत्र में सर्वेक्षण करा रहीं हैं। कुशीनगर के सेवरही स्थित गन्ना शोध केंद्र की टीम के अलावा गन्ना विभाग भी किसानों को इस रोग पर नियंत्रण के लिए जागरूक कर रहा है।

उन्होंने बताया कि किसानों की जागरूकता के लिए पम्फलेट्स, हैंडबिल, दीवार लेखन, वालपेन्टिंग, चीनी मिल गेट, परिषद-समिति कार्यालय, खाद्य एवं राजकीय गोदामों एवं कार्यालय की दीवारों पर बीमारी के रोकथाम के उपायों से प्रचार - प्रसार कराया जाएगा।

क्या है ‘पोक्का बोइंग' रोग
रोग के विषय में उन्होंने बताया कि यह रोग फ्यूजेरियम स्पेशीज कवक द्वारा गन्ने में फैलता है। इसमें गन्ने की पत्तियों पर सिकुड़न के साथ सफेद धब्बे दिखाई पड़ते हैं। संक्रमण बढ़ने पर पत्तियां मुरझा कर काली पड़ जाती और पत्ती का ऊपरी भाग सड़ कर गिर जाता है। जिसके कारण पौधे की बढ़वार रूक जाती है। अगोले में हरापन समाप्त होने लगता है। अगोला झुलसा हुआ दिखता है । रोग की प्रथम अवस्था को क्लोरोटिक फेज, द्वितीय अवस्था को टाप राट फेज कहते हैं।

 


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Author

Moulshree Tripathi

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