पुलिस ने माना, उसकी गोली से हुई एक प्रदर्शनकारी की मौत

punjabkesari.in Tuesday, Dec 24, 2019 - 04:07 PM (IST)

बिजनौरः उत्तर प्रदेश पुलिस के शीर्ष नेतृत्व के इनकार के बीच बिजनौर पुलिस ने मंगलवार को यह स्वीकार किया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जिले के नहटौर में शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई।

पुलिस अधीक्षक (देहात) विश्वजीत श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि सीएए के खिलाफ गत शुक्रवार को जिले के नहटौर इलाके में जुमे की नमाज के बाद हिंसक भीड़ ने थाने पर हमला कर दारोगा आशीष तोमर की पिस्तौल छीन ली थी। एक सिपाही ने जब उपद्रवी से पिस्तौल वापस लेने की कोशिश की तो उसने सिपाही पर गोली चला दी। इसमें पुलिसकर्मी बाल-बाल बचा। सिपाही ने आत्मरक्षा में गोली चलायी जो हमलावर उपद्रवी सुलेमान(22) को लगी, जिससे उसकी मौत हो गयी।

हालांकि उन्होंने कहा कि एक अन्य उपद्रवी अनस की मौत भीड़ द्वारा चलायी गई गोली लगने से हुई है, उसका पुलिस से कोई लेना-देना नहीं है। मालूम हो कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह समेत तमाम आला अधिकारियों ने दावा किया था कि किसी भी प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है। पुलिस के मुताबिक प्रदेश में जिन स्थानों पर भीड़ और पुलिस के बीच हिंसक वारदात हुईं वहां खोजबीन में प्रतिबंधित बोर के 700 से ज्यादा खोखे बरामद हुए हैं। इससे स्पष्ट है कि गोलियां प्रदर्शनकारियों ने चलायी थीं।

पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने बताया कि 20 दिसम्बर को जुमे की नमाज के बाद भीड़ सड़कों पर उतर आयी थी। इनमें छोटे बच्चे आगे थे। थोड़ी ही देर में भीड़ उग्र हो गयी और पथराव तथा आगजनी करने लगी। उन्होंने कहा कि जिले में अब स्थिति सामान्य है। कुल 32 मामले दर्ज कर 215 आरोपी जेल भेजे गये हैं। हिंसा के तीन प्रमुख षडयंत्रकारियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है।





 

Tamanna Bhardwaj