पुलिस ने पत्रकार को हिरासत में लिया, पीड़ित ने बताया-पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी की

punjabkesari.in Saturday, Dec 21, 2019 - 10:50 AM (IST)

लखनऊ: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध के दौरान लखनऊ में भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने शुक्रवार शाम एक राष्‍ट्रीय अंग्रेजी दैनिक के पत्रकार को हिरासत में ले लिया। बाद में मुख्‍यमंत्री कार्यालय के हस्‍तक्षेप के बाद उन्‍हें छोड़ा गया। हजरतगंज पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए पत्रकार उमर राशिद ने ‘भाषा' को बताया कि वह अपने कुछ पत्रकार साथियों के साथ भाजपा दफ्तर के बगल में स्थित एक होटल में नाश्‍ता कर रहे थे। तभी सादी वर्दी में आये पुलिसकर्मियों ने कुछ बात करने के लिये उन्‍हें अलग बुलाया और जबरन जीप में बैठा लिया।

राशिद के मुताबिक उन्‍होंने पुलिसकर्मियों को बताया कि वह पत्रकार हैं और उन्‍होंने अपना परिचय पत्र वगैरह भी दिखाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनका फोन छीन लिया और बदसलूकी की। उन्होंने कहा कि बाद में उन्हें हजरतगंज कोतवाली ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया और उनके साथ लाये गये उनके दोस्‍त रॉबिन वर्मा के साथ कथित तौर पर मारपीट की गयी।

राशिद के अनुसार बाद में हजरतगंज के पुलिस क्षेत्राधिकारी अभय कुमार मिश्रा आये और माफी मांगते हुए कहा कि कुछ गलतफहमी की वजह से पुलिस उन्हें ले आयी। राशिद ने दावा किया कि मुख्‍यमंत्री कार्यालय के हस्‍तक्षेप के बाद पुलिस महानिदेशक ओम प्रका‍श सिंह के कहने पर उन्‍हें छोड़ा गया। इस बारे में हजरतगंज के क्षेत्राधिकारी अभय मिश्रा से सम्‍पर्क करने की कोशिश की गयी मगर बात नहीं हो सकी। इस बीच, मैगसायसाय अवार्ड से सम्‍मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्‍डेय ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी अरुंधति धुरू और उनकी दो सामाजिक कार्यकर्ता मित्रों को कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया। हालांकि किसी भी पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की। पाण्‍डेय ने कहा कि बाद में तीनों को छोड़ दिया गया। 

 

 

 

 

 

 

Ajay kumar