माफिया अशरफ के साले के फर्जीवाड़े में कॉलेज कर्मियों की भूमिका की जांच में जुटी पुलिस

punjabkesari.in Sunday, Jan 07, 2024 - 03:46 PM (IST)

प्रयागराज: माफिया खालिद अजीम उर्फ अशरफ के साले मो. जैद मास्टर के कॉलेज फर्जीवाड़े मामले में एमआर शेरवानी कॉलेज के कुछ कर्मचारियों की संदिग्धता सामने आई है। हाजिरी रजिस्टर को लेकर की जा रही जांच में कई अलग तरिके के बयान सामने आए हैं।

प्रधान लिपिक ने भी दिया गोल मटोल जवाब
माफिया खालिद अजीम उर्फ अशरफ के साले मो. जैद मास्टर के कॉलेज फर्जीवाड़े मामले में कास सबूत हाजिरी रजिस्टर ही है। जिसमें जैद मास्टर के फर्जी हस्ताक्षर मिले हैं। रजिस्टर में 18 नवंबर तक उसके हाताक्षर पाए गये हैं, जबकि 20 नवंबर के बाद से उसमे दस्तखत नहीं हैं। प्रधानाचार्य मो. याकूब ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि हाजिरी रजिस्टर को रखने की जिम्मेदारी कॉलेज के प्रधान लिपिक एजाज अहमद की थी। वहीं, एक दिन पहले पुलिस पूछताछ में प्रधान लिपिक ने भी गोल मटोल जवाब दिया है। प्रधानाचार्य व प्रधान लिपिक के बयान में अंतर मिलने के बाद से कॉलेज के कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है। ऐसे में पुलिस इसकी भी जांच में जुटी है।



खराब पड़ा सीसीटीवी, नहीं मिला सबूत:
सीसीटीवी फुटेज नहीं मिलने से भी पुलिस की जांच में रुकावट आई है। कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े है। जिसकी वजह से वह साक्ष्य भी नहीं मिला है। हाजिरी रजिस्टर में जिन तारीखों में दस्तखत किये गये है, उन तिथियों में जैद कभी कॉलेज आया या नहीं।

क्या है मामला?
कॉलेज प्रधानाचार्य मो. याकूब ने 30 दिसंबर को आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। कहा कि कॉलेज में इतिहास के प्रवक्ता के तौर पर तैनात मो. जैद निवासी हटवा किसी अन्य से हाजिरी रजिस्टर पर दस्तखत बनवाता था। जैद माफिया अशरफ की पत्नी जैनब के सात भाइयों में सबसे बड़ा भाई है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अगले दिन से वह फरार है।

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Ajay kumar