पुलिस पर गायत्री के बाद अब अरुण वर्मा और अयूब के खिलाफ कार्रवाई का दबाव

punjabkesari.in Friday, Mar 17, 2017 - 07:10 PM (IST)

लखनऊ: सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी उत्तर प्रदेश के निवर्तमान परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस पर सुलतानपुर के विधायक रहे अरूण वर्मा तथा पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ0 अयूब के खिलाफ शिकंजा कसने का दबाव बढ़ता जा रहा है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार निवर्तमान विधायक अरुण वर्मा तथा पीस पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डॉ. अयूब पर दुष्कर्म का आरोप है। इस बीच पीड़िता की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। पुलिस आरोपियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जायेगी। 

सामूहिक दुष्कर्म की 20 वर्षीय पीड़िता का शव स्थानीय स्कूल के पास से बरामद होने के बाद पिछले महीने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अरुण वर्मा के खिलाफ सुलतानपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज किया गया था। पीड़िता द्वारा वर्ष 2013 में मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराये अपने बयान में कहा था कि सुलतानपुर में उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले आठ लोगों में अरुण वर्मा भी एक था। उस समय वह नाबालिग थी। दुष्कर्म के मामले में वर्मा समेत आठ लोगों के नाम सामने आने पर जांच कर रहे अधिकारी ने उनमें से तीन लोगों को क्लीन चिट दे दिया और पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। तीन आरोपी अभी भी जेल में बन्द हैं। 

एक अन्य विवाद में, पुलिस ने पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अयूब अहमद के खिलाफ 22 वर्षीय नर्सिंग छात्रा के साथ कथित रूप से बलात्कार करने और गलत ढंग से दवा देकर उसकी हत्या करने के आरोप में पिछले महीने मडियाहूं थाने में रिपोर्ट दर्ज की थी। सन्त कबीर नगर जिले के खलीलाबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. अयूब का प्रदेश में कई अस्पताल हैं। पीड़िता का किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में लीवर और किडनी का उपचार चल रहा था और गत 24 फरवरी को उसकी मृत्यु हो गयी थी। परिजनों का आरोप था कि शहर के एक नर्सिंग कालेज में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान डा अयूब ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया था। परिजनों ने इस मामले में उसकी मृत्यु के बाद रिपोर्ट दर्ज करायी थी। 

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर महिला और उसकी नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गयी थी। लगभग 15 दिनों से लापता प्रजापति को गत 15 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया।