पुलिसकर्मी की जमानत याचिका खारिज, इलाहाबाद HC ने कहा- हिरासत में मौत सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 03:34 PM (IST)

प्रयागराज: पुलिस हिरासत में गोरखनाथ उर्फ ओम प्रकाश गुप्ता की मौत के मामले में आरोपी पुलिसकर्मी की याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस हिरासत में हिंसा, यातना और मौत सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय है। कोर्ट में डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय का हवाला दिया गया। जस्टिस समित गोपाल की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस हिरासत में मौत पर नाराजगी जाहीर की थी।

बता दें कि घटना 28 दिसंबर, 1997 की है। जहां वाराणसी से पुलिसकर्मी द्वारा जबरन गोरखनाथ को ले जाकर हिरासत में रखा गया था। वहीं एमपी के शहडोल में गोरखनाथ की मौत हुई थी। इसके बाद पुलिसकर्मियों द्वारा बेटे संजय को मृतक की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया था। वही शिकायतकर्ता संजय कुमार गुप्ता ने अपने पिता की पुलिस हिरासत में मौत का आरोप लगाया था।

हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी के लिए जारी किए गए थे दिशा निर्देश ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सके। वहीं कोर्ट ने माना कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। मृतक की मौत स्वाभाविक नहीं थी, मामला हिरासत में यातना और मौत का है। गौरतलब है अपने पिता की पुलिस हिरासत में मौत का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता संजय ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत सीजेएम वाराणसी के समक्ष दायर आवेदन किया था। निचली अदालत के आदेश के बाद मामले में जांच शुरू हुई थी। वहीं सीजेएम द्वारा शेर अली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था। मामले में आरोपी पुलिसकर्मी शेर अली के खिलाफ आईपीसी की धारा 364, 304 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोपी शेर अली ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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