चुनाव के समय चलेंगी राजनीतिक मिसाइलें: अखिलेश

punjabkesari.in Sunday, Sep 02, 2018 - 10:53 AM (IST)

लखनऊः सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने असंतुष्ट चाचा शिवपाल यादव की हाल की बगावत को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए शनिवार को कहा कि ‘‘चुनाव के समय इस तरह की राजनीतिक मिसाइलें चलेंगी। परिवारवाद और चाचा शिवपाल यादव द्वारा नया मोर्चा बनाये जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा,‘‘हमारे घर में लोकतंत्र तो है, खुला लोकतंत्र। इससे ज्यादा लोकतंत्र किसके घर में हो सकता है, चाचा का सम्मान है। रिश्ते में हम सबका सम्मान कर रहे हैं। हम आज भी अंकल (अमर सिंह) को अंकल ही कह रहे हैं। 

अमर सिंह सपा को नमाजवादी सही कहते हैं
जब कहा गया कि अमर सिंह उन्हें ‘‘नमाजवादी पार्टी’’ के अध्यक्ष कहते हैं तो अखिलेश ने कहा,‘‘आपने गलत सुना। समाजवादी पार्टी ने बहुत कुछ उनको नवाज दिया इसलिए वह गलत नहीं कह रहे हैं। वह हमारी तारीफ कर रहे हैं कि हमने कितना कुछ दिया है ।भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के‘मिशन 74’के बारे में बताये जाने पर उन्होंने कहा,‘‘भाजपा के पास अब 73 सीटें नहीं हैं। अब 70 बची हैं। जनता इंतजार कर रही है वोट डालने का। महागठबंधन का इंतजार मत कीजिए। जनता इनके खिलाफ वोट डालने की तैयारी कर रही है हम अपनी रणनीति क्यों बतायें । अगर बता देंगे तो हार जाएंगे। जैसे कैराना, फूलपुर और गोरखपुर में किया, वही रणनीति बनाकर तैयार की है।‘‘  

महागठबंधन का चेहरा कौन
महागठबंधन का चेहरा या प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, यह पूछने पर उन्होंने कहा,‘‘देश नये प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहा है। हमें भाजपा बता दे कि उनका प्रधानमंत्री कौन होगा। देश नये प्रधानमंत्री के इंतजार में है। अगर भाजपा के पास कोई नया प्रधानमंत्री नहीं है तो आप हमसे क्यों पूछते हैं।‘‘  इस सवाल पर कि क्या उन्हें भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाए, अखिलेश ने कहा कि वह इतना बड़ा सपना नहीं देखते।  बसपा प्रमुख मायावती का हाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आज पूरा देश बुआ (मायावती) का हाल पूछ रहा है। जिसके साथ समाजवादी लोग होंगे, उनका सबका हाल अच्छा होगा।  

नोटबंदी पर अब हो बहस 
सपा प्रमुख ने कहा कि 2019 देश का बहुत अहम चुनाव है। कहीं न कहीं जनता पुरानी सरकारों के कामकाज को देखकर फैसला लेगी। ज्यादातर प्रदेशों में भाजपा की सरकार है और उत्तर प्रदेश में सपा विपक्ष की पार्टी है। कहीं न कहीं सपा की जिम्मेदारी भी बडी है और जो जनता के बीच काम किया है, उसका तो आकलन होगा ही।  अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी पर अब बहस होनी चाहिए क्योंकि मोदी सरकार का सबसे बड़ा फैसला नोटबंदी था। नोटबंदी के बारे में पूरा देश जान गया है। कम से कम अब देश में इस पर बहस होनी चाहिए। उस समय (नोटबंदी के समय) एकतरफा बहस थी। नोटबंदी से फायदा क्या हुआ। क्या आतंकवाद, नक्सलवाद या भ्रष्टाचार खत्म हो गया। रूपया काला-सफेद नहीं होता बल्कि हमारा आपका लेनदेन काला सफेद होता है।  

अखिलेश का योगी पर तंज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश को दंगामुक्त करने के दावे पर पूछे गये सवाल पर अखिलेश ने तंज कसा,‘‘दंगा करने वाले सत्ता में आ जाएंगे तो दंगा कैसे होगा,हमने आतंकवादियों पर मुकदमे वापस नहीं लिये है। जिनके मुकदमे वापस लिये अगर वे आतंकी हैं तो मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर लगे मुकदमे क्यों वापस ले लिये।‘‘  अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों ने कभी जाति के आधार पर राजनीति नहीं की। हमें बदनाम जरूर किया गया है।‘‘एक्सप्रेसवे पर जब चलता हूं तो खोजता हूं कि इसमें यादव लेन कौन सी है, जिस पर सिर्फ यादव चलेंगे। मेट्रो में यादव वाली सीट कहां है।‘‘  प्रभु विष्णु के नाम पर नगर बसाने के ऐलान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु को सब भूल गये थे इसलिए हम भगवान विष्णु की शरण में चले गये। उन्हीं के अवतार राम-कृष्ण हैं ।  

Ruby