बिजली दरों में बढो़तरी को मायावती ने बताया जनविरोधी फैसला, ऊर्जा मंत्री ने दिया ये जवाब

punjabkesari.in Wednesday, Sep 04, 2019 - 11:32 AM (IST)

लखनऊः बिजली की कीमतों में बढ़ोत्तरी से उत्तर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। एक ओर बसपा ने इसे जनविरोधी बताते हुए बिजली बढ़ोत्तरी वापस लेने की मांग की है, तो वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी ने इसका ठीकरा पूर्ववर्ती सरकारों पर फोड़ते हुए सरकार के निर्णय को तर्कसंगत करार दिया है।

मायावती को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दिया जवाब
मायावती ने ट्वीट कर लिखा, 'उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों को बढ़ाने को मंजूरी देना पूरी तरह से जनविरोधी फैसला है। इससे प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का और ज्यादा बोझ बढे़गा व उनका जीवन और भी अधिक त्रस्त व कष्टदायी होगा। सरकार इसपर तुरंत पुनर्विचार करे तो यह बेहतर होगा।' मायावती को जवाब देते हुए सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने 4 ट्वीट कर सरकार का पक्ष रखा है।

सपा-बसपा के पाप रहे कि बढ़ता गया भ्रष्टाचार
उन्होंने लिखा ‘बहन मायावती जी ये सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां भारी घाटे में चली गईं। सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं। बीजेपी के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं।' उन्होंने कहा कि सरकार ने बढ़ती दरों से गरीब को मुक्त रखा है। पूर्व सरकारों की आर्थिक अनियमितताओं के चलते मजबूरीवश कुछ श्रेणियों की बिजली दरों में आंशिक बढ़ोतरी करनी पड़ी है।''

पूर्व सरकारों में चहेते जिलों को ही नसीब होती थी बिजली
अगले ट्वीट में लिखा कि अब जिलों को 24, तहसील को 20 और गांव को 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। पूर्व सरकारों में कोई रोस्टर नहीं था। बिजली सिर्फ चहेते जिलों को ही नसीब होती थी। 2016-17 में पीक डिमांड 16,500 मेगावाट थी, जिसे पूर्व सरकार पूरा नहीं कर पा रही थी। अब 21,950 मेगावाट की डिमांड पूरी हो रही है। ग्रिड की क्षमता बढ़ाई जा रही है। 66,320 किलोमीटर की जर्जर लाइन बदलने पर तेजी से काम हो रहा है।

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने मंगलवार शाम बिजली की बढ़ी दरों का ऐलान किया, जिसके अनुसार घरेलू बिजली की कीमतों में 8 से 12 फीसदी की वृद्धि की गई है। वहीं औद्योगिक बिजली की दरोें में 10 फीसद के करीब बढ़ोत्तरी हुई है।

Deepika Rajput