यूपीः सफाईकर्मी आैर अधिकारियाें की मिलीभगत से सरकारी धन का हाे रहा बंदरबांट!

punjabkesari.in Tuesday, Aug 01, 2017 - 04:52 PM (IST)

कन्नौजः भले ही सूबे में निजाम बदल गया हो पर अधिकारियों का सरकारी पैसों को चूना लगाने का काम अब भी जारी है। आलम यह है कि अधिकारी सरकारी खजानों का जमकर बंदरबाट कर रहे है। ताजा मामला कन्नौज का है जहां जिला पंचायत राज कार्यालय में सफाईकर्मी व अधिकारियों की मिलीभगत के चलते सरकारी धन का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि जिले के आलाधिकारियों को इसकी खबर तक नहीं है।

जानकारी के मुताबिक मामला कन्नौज सदर विकास खंड के महमूदपुर बीजा ग्राम पंचायत का है। जहां ग्राम पंचायत में तैनात सफाईकर्मी ब्रजेश कुमार अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके गांव में कभी सफाई करने नहीं जाता है। जिसके चलते बरसात के महीने में चारों ओर गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। वहीं ग्रामीणों के शिकायत करने के बाद भी दबंग सफाईकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

गांव में झांकने तक नहीं आते सफाईकर्मी-ग्रामीण
स्थानीय निवासी राम प्रकाश ने बताया कि डेढ़ साल से गांव में कोई सफाईकर्मी नहीं आया है। जिसके चलते बरसात के महीने में चारो ओर गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। गंदगी से गांव में संक्रामक रोग फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। इस संबंध में दूसरे स्थानीय निवासी दीपक ने बताया कि यहां पर सफाईकर्मी तैनात है, लेकिन वह गांव में झांकने तक नहीं आता।

सफाईकर्मी की शिकायत के बावजूद नहीं लिया गया काेई एक्शन-ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधान नूर मोहम्मद ने बताया कि सफाई कर्मी की शिकायत हमने कई महीने पहले डी.पी.आर.ओ से की थी, लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। जब हमने वेतन रजिस्टर देखा तो उनके बिना हस्ताक्षर किए हर माह का वेतन निकल रहा है।  पेरोल देखा तो उसमें हेड़ मास्टर के हस्ताक्षर व उसके फर्जी हस्ताक्षर व सील लगी हुई थी। हमने मामले की शिकायत जिला पंचायत राज अधिकारी से की है। ग्राम प्रधान ने बताया कि सफाई कर्मी का वेतन ग्राम प्रधान व सचिव के हस्ताक्षर होने के बाद ही विभाग से निकलता है लेकिन शातिर सफाईकर्मी हमारा फर्जी हस्ताक्षर व सील पेरोल पर लगाकर विभाग के अधिकारियों से मिलकर वेतन निकलवा रहा है।

दोषी पाए जाने पर सफाईकर्मी के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई-अधिकारी 
जिला पंचायत राज अधिकारी इंद्रपाल सोनकर ने कहा कि प्रधान ने बताया कि पेरोल पर मेरे हस्ताक्षर नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने इसकी जांच की जिसमें पता लगा कि दोनों अलग-अलग सील है। हमने अब प्रधान से यह पूछना है कि वो दो सील इस्तेमाल करते हैं या एक। यदि एक कर रहे हैं तो दूसरी सील के संबंध में सफाईकर्मी के दोषी पाए जाने पर फर्जी का मुकदमा दर्ज किया जाएगा और आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।