प्रवीण तोगड़िया ने PM मोदी को दी चुनौती,कहा- वायदे पूरे करो वर्ना....

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 09:31 AM (IST)

लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे तौर पर चुनौती दी है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर हिंदुओं के साथ किए गए वायदों को पूरा नहीं किया गया तो 2019 के लोकसभा चुनाव में वह जनता के बीच भाजपा सरकार के खिलाफ ईंट से ईंट बजा देंगे। जानकारी के अनुसार तोगड़िया ने एबीपी न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि नरेंद्र मोदी विहिप के सहयोग से सत्ता में आए थे और आज अपने सारे वायदे भूल गए हैं। लेकिन अब समय आ गया है कि उन्हें उनके वायदे याद दिलाए जाएं। उन्होंने कहा कि आज भाजपा सरकार अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा भुला बैठी है। कश्मीर में हिंदुओं को भी नहीं बसाया जा रहा है। गौ हत्या पर कानून बनाने से भी कन्नी काट ली गई है।

पत्रकार पूण्य प्रसून वाजपेयी तो दिए इंटरव्यू में विहिप नेता आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जानबूझकर राम मंदिर मसले पर कानून नहीं बना रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए और वहां बाबरी मस्जिद और राम मंदिर दोनों बने। ऐसे में जब दोनों ओर से आग लगेगी तो इसका फिर से सियासी फायदा उठाया जाएगा। तोगड़िया ने कहा कि वह 1972 से नरेंद्र मोदी के साथ काम कर रहे हैं। लेकिन हमारे संबंध 2004 में खराब हुए। विहिप नेता ने कहा कि अगर वह चाहते तो 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन उस दौरान सत्ता को ठुकरा दिया और देश के मुद्दों पर काम जारी रखा। लेकिन, नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने के बाद अपने वादों को भुला दिया।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने करोड़ों हिंदुओं के साथ दगा किया है। 2002 में गुजरात दंगों में 300 हिंदू भी मारे गए थे। 50,000 हिंदुओं को जेल में भेजा गया था। लेकिन, जब केंद्र में सत्ता मिली तो पीएम मोदी सब कुछ भुला बैठे। उन्होंने साफ कहा कि मोदी अपने वायदे पूरे करें नहीं तो चुनाव में अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। तोगड़िया ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ही विश्व हिंदू परिषद को तोड़ने का काम हो रहा है। 80 साल के कोकचे जी को अध्यक्ष बनाने की बात हो रही है। भाजपा युवाओं को तव्वजों देने की बात करती है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पीएम मोदी भी आज 70 के हो गए हैं। लेकिन शीर्ष पर कोई बदलाव नहीं हो रहा है और लाल कृष्ण आडवाणी को जरूर रिटायर कर दिया गया।

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