आत्मशुद्धि में मददगार है विपश्यना ध्यान पद्धति : कोविंद

punjabkesari.in Monday, Feb 25, 2019 - 06:34 PM (IST)

 

कानपुरः विपश्यना ध्यान पद्धति को देश की प्राचीन विधा बताते हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि आत्मशुद्धि में मददगार इस साधना से दुनिया का कल्याण संभव है। एक दिवसीय संक्षिप्त दौरे पर अपने गृहनगर कानपुर पहुंचने के बाद कोविंद सड़क मार्ग से महाराजपुर के सलेमपुर स्थित बालाजी मंदिर पहुंचे। राष्ट्रपति ने मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना एवं परिक्रमा की। इसके बाद उन्होने भारत माता की मूर्ति का अनावरण किया।

करीब 25 मिनट तक रुकने के बाद वह अंतरराष्ट्रीय विपश्यना केंद्र पहुंचे और धर्म कल्याण विपश्यना केंद्र के पुरुष भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि विपश्यना आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि की अत्यंत पुरातन साधना-विधि है। यह उन्होंने केन्द्र में खुद साधना के दौरान महसूस किया है। इस साधना से यह पता चला कि जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विपश्यना ध्यान पद्धति को भारत ने पूरी दुनिया में पहुंचाया। इस पद्धति से अब स्वयं का ही नहीं पूरे विश्व का कल्याण किया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि जिस तरह से शारीरिक व्यायाम से शरीर स्वस्थ बनाया जाता है ठीक वैसे ही विपश्यना पद्धति मन को स्वस्थ बनाने का काम करती है।

Tamanna Bhardwaj