अधिकारियों की शह पर प्राथमिक विद्यालयों में चल रहा है खेल, बच्चाें काे खिलाया जा रहा 'तहरी'

punjabkesari.in Thursday, Aug 09, 2018 - 01:42 PM (IST)

फर्रुखाबाद (दिलीप कटियार)-फर्रुखाबाद जनपद के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में छात्रों को दिये जाने वाले मिड डे मील के नाम पर खेल हो रहा है। विद्यालयों में बच्चों को मानक अनुरूप भोजन नहीं दिया जा रहा है। जब पंजाब केसरी की टीम ने इसकी पड़ताल की ताे पोल खुलकर सामने आ गई। 

घर के बर्तनाें में तहरी खाते मिले बच्चे 
सरकार द्वारा बच्चों के भोजन करने के लिए थालियां भी उपलब्ध कराई गईं। लेकिन बच्चे घर से लाये बर्तनों में तहरी खाते मिले। सबसे खास बात ये कि जाे तहरी बच्चाें काे पराेसी जा रही थी उसमें न ताे टमाटर था आैर न ही सोयाबीन। सिर्फ चावल और आलू से बनाई गई तहरी दी जा रही थी। एक आैर खास बात ये कि तहरी बच्चों को बस एक एक चमचा ही परोसी जा रही थी जिससे उनका पेट भी न भरे। सरकार द्वारा बच्चाें काे दूध देने का मानक तय किया गया है लेकिन गर्मियों की छुट्टियों के बाद से बच्चों को दूध नहीं नसीब हुआ है। मिड डे मील में हो रही इस लापरवाही से जिम्मेदार अधिकारी अनजान बने हुए हैं।

ज्ञात हाे कि जिले के सभी विकास खण्डों में दूर दराज के प्राथमिक विघालयाें से लेकर जूनियर स्कूलाें में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भोजन के साथ बच्चों को दूध देने का कनवर्जन कास्ट दिया जाने लगा है। उसी समय से शिक्षकों ने बच्चों के हक को अपनी जेबों में रखना शुरू कर दिया है। विकास खण्ड कमालगंज क्षेत्र में ग्राम सभा शेखपुर सराय में जूनियर से लेकर प्राथमिक के पांच विद्यालय चल रहे हैं। 

बुधवार को पंजाब केसरी द्वारा कमालगंज विकास खंड के परिषदीय विद्यालय शेरपुर सराय, बहवलपुर, कुण्डपुरा में बनने वाले मिड डे मील की पड़ताल की गई। इस दाैरान मिड डे मील में भारी कमी नजर आई।
पूछताछ पर प्रधानाचार्य ने दिखाए तेवर 
जब इस मामले काे लेकर कुण्डपुरा के प्रधानाचार्य से बात की गई ताे उन्हाेंने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। उन्हीं के सामने बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने उनके सामने ही प्रधानाचार्य की पोल खोलकर रख दी। बच्चों ने उन्हीं के सामने कहा कि दूध नहीं दिया जा रहा है। पड़ताल के दौरान विद्यालयों में बच्चों को तहरी दी गई थी। तहरी भी मेन्यू के अनुसार नहीं बनी थी और न ही बच्चों को पेट भर के दी जा रही थी। तहरी में सिर्फ आलू व चावल ही नजर आ रहे थे जबकि मेन्यू है कि उसमें टमाटर, सोयाबीन सहित कई अन्य चीजें भी पड़े।

प्रधानाचार्य से बच्चों की संख्या के बारे में पूछा गया तो दिया ये जवाब
प्राथमिक विद्यालय कुंडपुरा के प्रधानाचार्य से बच्चों की संख्या के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सुबह स्कूल परिसर में बरसात से गढ्ढा हो गया था। उसको भरने में बच्चों के साथ लगा रहा तभी उसको भर पाया है। उसके बाद जूते बांटने में लग गया उसी वजह से अभी तक हाजिरी नहीं लग पाई है। 

पढ़ाई की जगह बच्चाें से काम करवा रहे शिक्षक 
प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यालय में 114 बच्चों के नाम दर्ज हैं जिसमें 75 से लेकर 80 बच्चे ही स्कूल आते हैं  जबकि हकीकत में स्कूल में 30 से40 बच्चे ही मौजूद थे। सबसे बड़ी बात उन्होंने खुद बता दी कि स्कूल में बच्चों से पढ़ाई की जगह काम कराते रहे। गुरुजी का खेल ही निराला है। इसी वजह से ही इन बच्चों का भविष्य अंधकार दिखाई दे रहा है। 

उठ रहे ये सवाल
शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन करते हैं, हड़ताल तक कर देते हैं लेकिन जब वह बच्चों को सरकार की तरफ से दिए जाने वाले भोजन पर डाका डालते हैं तो बच्चे कहां प्रदर्शन करने जाएं। 
दूध नहीं दिया जाताः महिला रसोइया 
इस बारे में जब महिला रसोइया रानी से बात की गई ताे उन्हाेंने बताया कि बच्चाें काे कभी भी दूध नहीं दिया जाता है क्याेंकि आता ही नहीं है। सिर्फ आलू, राेटी आैर चावल बनता है। दाल भी नहीं बनता है। 

निरीक्षण के बाद आराेपी के खिलाफ हाेगी कार्रवाईः BSA
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार पंडित ने बताया कि बच्चों को मिड डे मील दिया जा रहा है। अगर बच्चों को मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं मिल रहा है तो उसका निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। अगले सप्ताह से यह तय किया जायेगा कि सभी बच्चों को दूध हर सप्ताह मिल सके। जो शिक्षक ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

Ajay kumar