प्रधानमंत्री का तूफानी UP दौरा, 28 जुलाई से लखनऊ के 2 दिवसीय दौरे पर होंगे मोदी

punjabkesari.in Tuesday, Jul 24, 2018 - 01:21 PM (IST)

लखनऊः 2019 के लोकसभा चुनावों को भले ही अभी काफी समय हो, लेकिन राजनीतिक पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं। जिसमें सबसे आगे बीजेपी है। बीजेपी अभी से ही जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और लोगों से जुड़ने की कवायद में लग गई है। जिसमें पीएम मोदी लीड रोल निभा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय लखनऊ दौरे पर आ रहे हैं। पीएम 28 और 29 जुलाई को लखनऊ पहुंचेंगे और सैकड़ों योजनाओं की सौगात देंगे।

मोदी की तूफानी दौरों से साफ जाहिर हो रहा है कि इससे वह 2019 के चुनावों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि संतकबीर नगर के मगहर में 28 जून के दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूपी की सक्रियता काफी बढ़ गई है। पीएम मोदी खुद ही जनता को सौगात देने सामने आ रहे हैं।

जैसे कि 9 जुलाई को नोएडा में सैमसंग इंडिया के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद 14 जुलाई को आजमगढ़ और वाराणसी में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और विकास की अलग-अलग परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। फिर 15 जुलाई को मिर्जापुर में बाणसागर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया, वहीं 21 जुलाई को शाहजहांपुर में पीएम किसानों से रूबरू हुए। अब अगला दौरा 28 जुलाई को है।

ये है पूरा कार्यक्रम 
28 जुलाई को पीएम मोदी लखनऊ में अमृत योजना की स्मार्ट सिटी योजना की 26 और प्रधानमंत्री आवास योजना की 11 परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को चाबी सौंपेंगे और 5 जिलों के लाभार्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करेंगे।

28 जुलाई के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री की वापसी हो जाएगी और फिर अगले दिन 29 जुलाई को लखनऊ आकर वह लगभग 60,000 करोड़ रुपए के निवेश संबंधी अलग-अलग प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। एक तरफ बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के संगठनात्कमक ढांचे को चुस्त-दुरुस्त कर मिशन 2019 की बाजी मारने के लिए तैयारी में जुटे हैं तो दूसरी तरफ पीएम मोदी विकास के एजेंडे के साथ अभी से ही खुद कमान संभाल ली है।

क्या महागठबंधन मोदी की सक्रियता का कारण?
राजनीति सूत्रों की मानें तो महागठबंधन की वजह से ही पीएम मोदी और बीजेपी अधिक सक्रिय हो गए हैं। सपा-बसपा के गठबंधन से चुनावों पर क्या असर होगा इसका जीता जागता उदाहरण उपचुनाव हैं। हाल ही में संपन्न हुए कैराना-नूरपूर उप-चुनाव। उससे पहले सीएम योगी और डिप्टी सीएम की गोरखपुर-फूलपुर सीट पर सपा-बसपा का गठबंधन जीत हासिल कर चुका है। 


 
 

Ruby