गाजीपुर जेल प्रशासन ने शुरू की नई पहल, बंदी म्यूजिक के ताल पर करते नजर आए योग
punjabkesari.in Sunday, Oct 26, 2025 - 12:57 PM (IST)
गाजीपुर: जेल की सलाखों के पीछे जिंदगी अक्सर सन्नाटे और उदासी में गुजरती है, लेकिन अब गाजीपुर की जिला जेल में इसका नजारा बदल गया है,,, जहाँ एक ओर बंदी अपनी मानसिक लड़ाइयों से जूझते हैं, वहीं जेल प्रशासन ने उनकी जिंदगी में खुशियों की नई किरन जगाई है,,,जी हां हम बात कर रहे हैं योग की,,, जिससे अब सिर्फ व्यायाम नहीं रहा, बल्कि मस्ती और म्यूजिक का तड़का भी लग गया है।
आपको बता दें कि गाजीपुर जिला जेल में करीब 150 से ऊपर बंदी अपने योग प्रशिक्षक के साथ म्यूजिक के धुन पर मस्ती में योग करते हुए नजर आ रहे हैं,,, वीडियो देखने से लग रहा है कि यह लोग योग नहीं कर रहे हैं बल्कि मस्ती कर रहे हैं,,, बता दें कि गाजीपुर के जिला जेल में कई तरह के मामले हत्या ,दहेज हत्या ,चोरी ,पॉस्को के साथ ही विभिन्न अपराध के मामले में जेल में महिला और पुरुष बंदी बंद हैं और जब यह जेल में आते हैं तो कुछ दिनों तक ना किसी से बोलना ना किसी से बात करना सिर्फ अपने में खोए रहते हैं जिसके चलते वह कई तरह के रोग और मानसिक रोग से पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे मामले जब जेल प्रशासन के सामने आया तब जेल प्रशासन ने इन बंदियों को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए सोचा और फिर इन्हें प्रतिदिन योग के कार्यक्रम में सुबह-सुबह शामिल करने के सोचा,,,, इसके लिए क्षेत्रीय होम्योपैथिक एवं आयुर्वेद विभाग से उन्होंने संपर्क किया और वहां से प्रत्येक सप्ताह योग प्रशिक्षक जिला जेल आते हैं और इन बंदियों को विभिन्न योग के टिप्स देते हैं।
जेल अधीक्षक जगदंबा प्रसाद दुबे ने बताया कि जब से जेल कैंपस में योग और खास कर म्यूजिक के साथ योग का कार्यक्रम शुरू हुआ है तब से अब जेल के बंदी मानसिक रूप से स्वस्थ रह रहे हैं जिसके चलते अब बंदियों के बीमार होने की भी संख्या में काफी कमी आई है।
खैर, जेल प्रशासन का यह अनोखा कदम साबित कर रहा है कि बदलाव की शुरुआत किसी भी जगह से हो सकती है… और यहां गाजीपुर में बंदियों की मुस्कान ही इसका सबसे बड़ा सबूत है,,,,सलाखों के पीछे भी खुशियाँ खिल सकती हैं, अगर हो थोड़ी मेहनत और मस्ती का तड़का लगाया जाए तो।

