इलाहाबाद विश्विद्यालय के उर्दू विभाग के प्रोफेसर संजय कुमार बने मिसाल

punjabkesari.in Thursday, Nov 21, 2019 - 05:53 PM (IST)

प्रयागराज: एक तरफ जहां बीएचयू में संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के बाद पूरे बीएचयू में बवाल मचा है तो दूसरी तरफ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में प्रोफेसर संजय कुमार एक मिसाल बने हुए हैं। डॉ संजय कुमार पिछले कई सालों से उर्दू विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर तैनात हैं। जहां वह छात्र-छात्राओं को उर्दू की शिक्षा देते हैं।

डॉ संजय कुमार बताते हैं कि सन 2003 में उन्होंने उर्दू से पीएचडी की और उसी के बाद से ही इलाहाबाद विद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति हो गई। डॉ संजय कुमार बीएचयू में हो रहे छात्रों के प्रदर्शन को लेकर के काफी आहत हैं। उनका कहना है कि भाषा और धर्म का ज्ञान कोई भी व्यक्ति ले सकता है। ऐसे में यह अब राजनीतिक मुद्दा भी होता जा रहा है।

प्रोफेसर संजय कुमार का कहना है कि वह इतने सालों से इलाहाबाद विद्यालय में उर्दू की तालीम दे रहे हैं उन्हें आज तक कभी भी ना घर परिवार से और ना ही अन्य लोगों से ऐसा कुछ सुनने को मिला हो जिससे उनका मनोबल गिरा हो। ऐसा जरूर हुआ है कि लोग एक बार यह जरूर पूछते हैं कि आपकी रुचि उर्दू में कब से आई। उधर प्रोफेसर संजय कुमार के छात्र भी संजय कुमार से काफी खुश हैं।

छात्रों कहना है कि डॉ संजय कुमार पिछले कई सालों से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उर्दू की शिक्षा दे रहे हैं और इतनी अच्छी वो तालीम देते हैं कि उनको पहचानना मुश्किल हो जाएगा कि वह गैर मुस्लिम हैं। छात्रों का यह भी कहना है कि बीएचयू में संस्कृत विभाग में मुस्लिम टीचर की नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्र गलत हंै। अगर उनको उनकी काबिलियत के दम पर नियुक्ति की गई है तो वह सही है।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में कई छात्र ऐसे भी हैं जो गैर मुस्लिम हैं और उर्दू की शिक्षा सीख रहे हैं तो कई छात्र ऐसे भी हुए जिन्होंने उर्दू की तालीम ली है। प्रोफेसर संजय कुमार ने बातचीत करते हुए कहा कि उनको शिक्षक, छात्र, छात्राओं और उनके परिवार का और विश्वविद्यालय का उनकी काबलियत पर काफी सहयोग मिलता है और उनके परिवार वाले भी काफी खुश हैं।

 


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Ajay kumar

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