अपनी 21 मांगों को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

punjabkesari.in Thursday, Aug 08, 2019 - 05:14 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बदहाली का आरोप लगाते हुये प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया ने गुरूवार को राजधानी लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और महासचिव आदित्य यादव के नेतृत्व में हजारों की तादाद में कार्यकर्ताओं ने लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित पार्टीमुख्यालय से जीपीओ तक पैदल मार्च किया। इस दौरान विधान भवन के पास पार्टी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा बलों के साथ उस समय झड़प हो गयी जब वे बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास कर रहे थे। बाद में जुलूस जीपीओ पहुंचा और धरने में तब्दील हो गया।

आंदोलनकारी कार्यकर्ता योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रसपा के विरोध प्रदर्शन के चलते जगह जगह जाम के हालात पैदा हो गये जिससे लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। जाम के कारण एंबुलेंस को भी जाने का रास्ता नहीं दिया गया। प्रसपा नेताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में जिला प्रशासन को 21 सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा।

1. पशुपालकों के ऊपर नगर निगम लखनऊ का अत्याचार तत्काल रोका जाए जो जानवर घरों में है या जिनकी वजह से कोई नुकसान नहीं हो रहा है। पशुपालकों के ऊपर बढ़ाई गई जुर्माने की राशि को तत्काल कम किया जाए एवं इसकी आड़ में किए जा रहे अवैध वसूली को तत्काल रोका जाए।
2. मॉब लिंचिंग के नाम पर धर्म विशेष पर किए जा रहे अत्याचार को तत्काल रोका जाए इसके लिए कड़ा कानून बनाया जाए।
3. एक देश में एक कानून के तहत महंगे हो चुके पेट्रोल डीजल को भी तत्काल जीएसटी के दायरे में लाया जाए।
4. बिजली की दरों में होनेवाली बढ़ोतरी को रोका जाए एवं मीटर लगाने के नाम पर फर्जी वसूली को तत्काल बंद कराया जाए किसानों को नलकूप चलाने के लिए निशुल्क बिजली का कनेक्शन दिया जाए एवं निशुल्क बिजली दी जाए।
5. शहर में अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले पटरी दुकानदार भाइयों के लिए जगह की समुचित व्यवस्था की जाए।
6. आवारा पशुओं द्वारा किसान भाइयों की फसलों का किए जा रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार किसानों को मुआवजा दे और किसान भाइयों को छुट्टा जानवरों से मुक्ति दिलाएं।
7. जिलाधिकारी कार्यालय पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित तहसीलों थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अवैध वसूली पर तत्काल रोक लगाई जाए। वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस द्वारा पूरे प्रदेश में किए जा रही अवैध वसूली को तत्काल बंद कराया जाए।
8. किसानों को उनकी उपज का अनुच्छेद लाभकारी मूल्य दिलाया जाए। किसान भाइयों को डीजल खाद बीज सस्ते दामों पर उपलब्ध कराया जाए। किसानों का गन्ना भुगतान तत्काल किया जाए। किसानों की समस्याओं के लिए तत्काल किसान आयोग का गठन किया जाए।
9. उन्नाव रेप पीड़ित परिवार को न्याय मिले। साथ ही साथ पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराएं जो लोग भी दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
10. पूरे प्रदेश के किसान के गन्ने का भुगतान तुरंत कराया जाए तो थक गन्ना एवं खाद में की जा रही घटतौली पर तत्काल रोक लगाई जाए।
11. प्रदेश की गड्ढा युक्त सड़कों को तत्काल ठीक किया जाए।
12. पूरे प्रदेश में अधिवक्ता भाइयों की निरंतर हो रही हत्या एवं उन पर हो रहे जानलेवा हमलों पर तुरंत रोक लगाई जाए और मृतक अधिवक्ता परिवार को प्राथमिकता के आधार पर उचित मुआवजा दिलाया जाए।
13.वृद्ध हो चुके वकील भाइयों को भी अपने परिवार चलाने के लिए सरकार भत्ते एवं पेंशन की व्यवस्था करें।
14. पूरे प्रदेश में रोकी गई विधवा पेंशन विकलांग पेंशन शादी अनुदान को फिर से प्राथमिकता के आधार पर चालू कराया जाए।
15. नौजवानों बेरोजगारों को रोजगार दें या बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। भाजपा सरकार बनने के बाद से सरकारी विभागों में वर्षो से बंद सरकारी नौकरियों को तत्काल खोला जाए, जिससे पूरे प्रदेश के बेरोजगारों को नौकरी मिल सकें।
16. उत्तर प्रदेश सरकार सत्ताधारी पार्टी द्वारा विपक्षी पार्टियों के नेताओं कार्यकर्ताओं का किया जा रहा उत्पीड़न तत्काल बंद कराया जाए एवं उनके ऊपर किए जा रहे फर्जी मुकदमें पर तत्काल रोक लगाई जाए।
17. किसानों का टोल टैक्स माफ किया जाए।
18. प्रदेश में सभी सरकारी अस्पताल एवं चिकित्सालयों में पर्चा सभी प्रकार की दवाएं सभी प्रकार की जांच निशुल्क किया जाए एवं पर्याप्त मात्रा में सरकारी अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध कराई जाए।
19. महाविद्यालयों विश्वविद्यालयों में छात्र संघ बहाल किया जाए।

गौरतलब है कि शिवपाल के भतीजे और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव अगस्त क्रांति के मौके पर नौ अगस्त को कानून व्यवस्था के मसले पर ही विरोध प्रदर्शन कर पार्टी की ताकत दिखलायेंगे। शिवपाल ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और आपराधिक तत्वों को बोलबाला है। लूट, डकैती और महिलाओं उत्पीड़न की घटनाये आम हो चुकी है। योगी सरकार की अराजकता के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और अगर जरूरत पड़ी तो वे जेल जाने को भी तैयार है।

कहा कि अपराधियों से राजधानी भी अछूती नहीं है। उन्होने आरोप लगाया कि योगी सरकार संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने की बात कर रही है जबकि हालात बिल्कुल उलट हैं। प्रसपा अध्यक्ष ने पेट्रोल,डीजल और दूसरे पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग करते हुये कहा कि इससे जरूरी वस्तुओं के दामों में अंकुश लाया जा सकता है।



 

Tamanna Bhardwaj