PM मोदी के वादे पर टिकैत बोले- संसद में कृषि कानून निरस्त करें... MSP की गारंटी तक किसान घर नहीं लौटेंगे

punjabkesari.in Friday, Nov 19, 2021 - 05:15 PM (IST)

गाजियाबाद/पालघर: भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि संसद में तीन विवादास्पद कानूनों को निरस्त करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी के बाद ही इन कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन वापस लिया जाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से प्रभावशाली किसान नेता ने समर्थकों से जश्न नहीं मनाने को भी कहा क्योंकि उनका “संघर्ष” जारी रहेगा। शुक्रवार को एक कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र के पालघर में मौजूद टिकैत ने तीन कृषि कानून रद्द करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के तुरंद बाद ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने ट्वीट किया, “प्रदर्शन तत्काल बंद नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार, एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे।''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि तीन कृषि कानून किसानों के फायदे के लिए थे लेकिन “हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम किसानों के वर्ग को रजामंद नहीं कर पाए।” पालघर में, टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में इन तीनों कानूनों को निरस्त करवाना होगा और एमएसपी पर गारंटी देनी होगी। बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा, “किसान इसके बिना घर नहीं लौटने वाले। आज हम जहां (पालघर में) हैं, वहां फसलें एमएसपी पर नहीं खरीदी जा रही हैं। एमएसपी का मुद्दा ऐसा है जो पूरे देश को प्रभावित करता है।” उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि अभी मिठाईयां न बांटें और न जश्न मनाएं क्योंकि "संघर्ष" को जारी रखना है।

टिकैत ने कहा, "आज हमारी संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सदस्यीय टीम की सिंघू सीमा मुख्यालय में बैठक होनी है। अंतिम फैसला वहीं लिया जाएगा।" बीकेयू नेता ने कहा कि वह शुक्रवार रात दिल्ली सीमा पर लौटेंगे और शनिवार को गाजीपुर में होंगे। पालघर में, टिकैत ने भूमि सेना - आदिवासी किसान परिषद के नेताओं से मुलाकात की, जो राज्य में आदिवासी समुदायों के भूमि अधिकारों के लिए अभियान चला रहे हैं। महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, बिरसा मुंडा का नाम लेते हुए, टिकैत ने किसानों के जारी प्रदर्शन को समर्थन देने और ग्राम स्तर पर आदिवासियों के लिए लड़ने के लिए भूमिसेना-आदिवासी एकता परिषद की सराहना की।


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Content Writer

Umakant yadav

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