निजीकरण की नीतियों के विरोध में UP में जोरदार प्रदर्शन, बिजली कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 03, 2021 - 05:34 PM (IST)

लखनऊ: केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने सांकेतिक कार्य बहिष्कार किया और प्रदेश भर में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। अनपरा, ओबरा, पारीछा, हरदुआगंज, वाराणसी, मेरठ, आगरा, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आज़मगढ़, बस्ती, अयोध्या, गोण्डा, बरेली, सहारनपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, झाँसी, बाँदा में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए। राजधानी लखनऊ में शक्ति भवन पर विरोध सभा हुई।       

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा, ग्रेटर नोएडा और आगरा में बुरी तरह विफल हो चुका है फिर भी केंद्र सरकार ने बिजली के निजीकरण के लिये इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेट) बिल 2021 एवं स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट जारी किया है जिससे देश भर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है। केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ और पांडिचेरी में बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है।       

उन्होंने बताया कि बिजली कर्मचारियों की प्रमुख मांगे इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 और स्टैन्डर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट वापस लेना, निजीकरण की सारी प्रक्रिया निरस्त करना, ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा फ्रेंचाइजी का करार समाप्त करना, विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण निगमों को एकीकृत कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन करना, सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करना, तेलंगाना की तरह संविदा कर्मचारियों को नियमित करना और सभी रिक्त पदों विशेषकर क्लास 3 और क्लास 4 के रिक्त पदों को प्राथमिकता पर भरना, सभी संवर्ग की वेतन विसंगतियां दूर करना और तीन पदोन्नत पद का समयबद्ध वेतनमान प्रदान करना हैं। 


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Umakant yadav

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