क्षय रोग के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत: योगी आदित्यनाथ

punjabkesari.in Wednesday, Mar 24, 2021 - 09:37 PM (IST)

लखनऊ, 24 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि क्षय (टीबी) रोग के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास किये जाने की जरूरत है। और इसी तरह के प्रयासों के जरिए ही पोलियो का उन्मूलन कर पाएं हैं।

सीतापुर जिले में विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
यहां जारी एक सराकारी बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि सामूहिक प्रयास तथा अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित राज्य के जेई/एईएस (दिमागी बुखार) से प्रभावित 38 जिलों में इस बीमारी पर नियंत्रण में सफलता मिली।
उन्होंने कहा कि सामूहिकता का परिचय देने से पोलियो उन्मूलन अभियान सफल हुआ।


मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व क्षय रोग दिवस पूरी दुनिया में क्षय रोग से ग्रसित व्यक्तियों को इससे मुक्त करने के अभियान को एक नई गति देने का दिवस है।
उन्होंने कहा, “ 1882 में पहली बार टीबी के जीवाणु की पहचान हुई, लेकिन इतने वर्षों के बाद भी अब तक दुनिया को इस रोग से मुक्त नहीं किया जा सका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के सामने 2030 तक दुनिया को क्षय रोग से मुक्त किये जाने का लक्ष्य रखा है।”
उन्होंने कहा, “ सार्थक प्रयासों से हमने पोलियो जैसी कई बीमारियों से निजात पायी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 2025 तक क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दृष्टि से एक अभियान प्रारम्भ किया गया है।”
उन्होंने कहा कि 2020 की तुलना में 2021 में राज्य में टीबी के मरीजों की संख्या में कमी आई है।

आदित्यनाथ ने कहा कि टीबी के मरीजों के लिये सबसे महत्वपूर्ण बात समयबद्ध ढंग से नियमित उपचार उपलब्ध कराना है और टीबी उन्मूलन अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों को सम्मिलित रूप से प्रयास करना होगा, तभी प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुसार 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने में सफल होंगे।
उन्होंने कहा, “ टीबी की बीमारी का उपचार एकदम मुफ्त है। शासन की ओर से उपचार की अवधि में पौष्टिक आहार लेने के लिये 500 रुपये प्रतिमाह की व्यवस्था है।”
उन्होंने कहा “ पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित तराई के 38 जिले दिमागी बुखार से ग्रसित थे। इन 38 जिलों में 40-45 वर्षों से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में मौतें हो रही थीं। 2017 से वर्तमान राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार, यूनीसेफ, डब्लूएचओ आदि संस्थाओं के साथ मिलकर एक अभियान चलाया। अभियान के परिणामस्वरूप दिमागी बुखार की बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता मिली।”

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PTI News Agency