मृत्युपूर्व बयान ही नहीं, परिस्थितिजन्य सुबूतों पर भी आधारित होगी जांच : पुलिस महानिदेशक

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2019 - 08:39 PM (IST)

लखनऊ, 10 दिसम्बर (भाषा) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि उन्नाव प्रकरण में लड़की के मृत्युपूर्व बयान के साथ—साथ परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को भी ध्यान में रखकर जांच की जाएगी।

सिंह ने मंगलवार को ''भाषा'' से बातचीत में कहा ''''पीड़िता का मौत से पहले दिया गया बयान हमारे लिये महत्वपूर्ण है लेकिन हम परिस्थितिजन्य साक्षयों को भी ध्यान में रखकर जांच करेंगे। हम अभियोजन को फास्ट ट्रैक करेंगे।''''
उन्होंने कहा, ''''मुख्य तो बयान है मगर उसके अलावा और भी बहुत से परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं। हमारा मुख्य ध्यान तो लड़की के मृत्युपूर्व बयान पर है, मगर और भी परिस्थितिजन्य साक्ष्य हैं, जिन्हें जांच के दायरे में शामिल किया जाएगा।''''
सिंह ने कहा कि युवती को दिल्ली के अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसने चिकित्सकों से भी बात की होगी। हम उन डॉक्टरों के भी बयान लेने की कोशिश करेंगे। यह बहुत मजबूत साक्ष्य होगा। हम डीएनए टेस्ट कराने की सम्भावनाएं भी तलाशेंगे।

उन्होंने कहा कि मुल्जिमों के खिलाफ आरोपपत्र बहुत जल्द न्यायालय में दाखिल किया जाएगा।

मालूम हो कि लड़की ने गत गुरुवार को वारदात के दिन उपजिलाधिकारी दयाशंकर पाठक को दिये गये अपने मृत्युपूर्व बयान में कहा था कि 12 दिसम्बर 2018 को शिवम और शुभम नामक युवकों ने उससे बलात्कार किया था। वह इससे जुड़े मुकदमे की पैरवी के सिलसिले में रायबरेली रवाना होने के लिये बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी। तभी रास्ते में बिहार—मौरांवा मार्ग पर आरोपियों ने अपने साथियों की मदद से उस पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी।

युवती ने शिवम और शुभम के साथ—साथ उनके साथियों हरिशंकर, रामकिशोर और उमेश के नाम भी लिये थे। वारदात के सभी आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।

हालांकि, आरोपी परिवार की ओर से अब न्‍याय की गुहार लगाई गयी है। मामले के आरोपी शुभम के परिजन की मांग है कि सरकार इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे, ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके।

परिजन का दावा है कि जिस वक्त वारदात होना बताया जा रहा है उस समय शुभम और उसका पिता हरिशंकर घर में सो रहे थे। सुबह छह बजे पुलिस शुभम को उठा ले गयी। हरिशंकर उसके पीछे गया तो उसे भी थाने में बैठा लिया गया।

उन्होंने कहा ''''कोई यह बताये कि क्या कोई व्यक्ति वारदात करके घर में सोएगा? इसके पीछे साजिश है। सरकार इसका पता लगाये। कोई हमसे पूछे कि हम पर क्या बीत रही है।''''
इसके पूर्व, घटना के चश्मदीद रहे रवीन्द्र ने बताया था कि युवती अधजली हालत में कुछ दूर तक बदहवास दौड़कर आयी थी और मदद की गुहार की थी। वह गम्भीर रूप से झुलसी थी। इस पर उन्होंने पुलिस को फोन किया था। युवती ने अपने साथ हुई वारदात के बारे में पुलिस को खुद बताया था।

मामले की जांच के लिये फॉरेंसिक टीम ने उन्नाव में घटनास्थल का दौरा करके साक्ष्य जुटाये थे।

ज्ञातव्य है कि उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र की रहने वाली 23 वर्षीय एक युवती ने शिवम और शुभम नामक युवकों पर 12 दिसम्बर 2018 को बलात्कार करने का मुकदमा दर्ज कराया था। युवती मुकदमे की पैरवी के सिलसिले में रायबरेली रवाना होने के लिये पांच दिसम्बर की सुबह करीब चार बजे बैसवारा रेलवे स्टेशन जा रही थी। तभी रास्ते में बिहार—मौरांवा मार्ग पर शिवम और शुभम ने अपने साथियों की मदद से उस पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी।
करीब 90 फीसद तक जल चुकी उस लड़की को लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मगर हालत बेहद नाजुक होने की वजह से उसे देर शाम एयरलिफ्ट करके दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां शुक्रवार रात उसकी मौत हो गयी।


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PTI News Agency

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