उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में स्थापित होंगे एक जिला, एक उत्पाद संकुल

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 01:49 PM (IST)

लखनऊ,11 दिसंबर:भाषा: उत्तर प्रदेश सरकार स्थानीय उत्पादों के विनिर्माण और विपणन कार्य को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसी इकाइयों की सुविधा हेतु ‘एक-जिला,एक-उत्पाद’ (ओ-डी,ओ-पी) संकुल स्थापित करायेगी।
स्थानीय उद्यमियों और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन देने की इस योजना की प्रगति पर उद्योग निदेशालय स्तर से बराबर निगाह रखी जाएगी।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार केन्द्र सरकार के सहयोग से कुछ जिलों में ऐसे औद्योगिक संकुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। उन्हें समय से पूरा किया जाय, ताकि उद्यमियों और हस्तशिल्पियों को इसका लाभ समय से मिल सके।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नवनीत सहगल ने संकुल विकास योजना अन्तर्गत स्वीकृत सामान्य सुविधा केन्द्रों के निर्माण और क्रियान्वयन संबंधी कार्यों की समीक्षा के बाद एक बयान में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत संकुलों के निर्माण कार्य को तीव्र गति से पूरा किया जाय और केन्द्र सरकार से अवशेष धनराशि समय से प्राप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
प्रमुख सचिव ने कहा कि भदोही में आधुनिक कारपेट, उन्नाव में जरी-जरदोजी, बरेली में रेडीमेड गारमेंट, वाराणसी में ग्लास बीडस् और अत्याधुनिक सिल्क विविंग तथा सोनभद्र में कालीन एवं दरी के क्लस्टर स्थापित किये गये हैं। जिनका इस क्षेत्र के उद्यमी और हस्तशिल्पी भरपूर लाभ ले रहें हैं।
उन्होंने कहा कि इन संकुलों से प्रदेश में उद्योगों को जहां नई गति मिल रही है और उद्यमियों को बेहतर बाजार भी सुलभ हो रहा है। आगरा, मेरठ और फिरोजबाद जनपद में अवस्थापना विकास परियोजनाओं का उन्नयन किया जा रहा है।
डा0 सहगल ने कहा कि चन्दौसी में चर्म, सहारनपुर में फुटवेयर, संतकबीर नगर में पीतल तथा गोरखपुर में टेराकोटा पाटरी क्लस्टर के प्रस्तावों को सैद्धांतिक मिल गई है।

प्रमुख सचिव ने कहा कि 13 और जनपदों में ओडीओपी योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए औद्योगिक संकुल स्थापित किये जायेंगे। इसकी विस्तृत परियोजना रपट (डीपीआर) के मसौदे तैयार किए जा चुके हैं। इन्हें तय करने के लिए 20 दिसम्बर को बैठक बुलाई जाएगी।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि इस बैठक में सामान्य सुविधा केन्द्र (सीएफसी) से जुड़े उद्यमियों और हस्तशिपियों को आमंत्रित किया जाय। उन्होंने बताया कि जिन सीएफसी के लिए डीपीआर प्राप्त हुए हैं, उनमें बदायूं, बरेली, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, झांसी (दो क्लस्टर), बाराबंकी, कासगंज, गाजीपुर, चन्दौली, जौनपुर तथा आजमगढ़ आदि शामिल हैं।


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PTI News Agency