उप्र सरकार ने ग्रिड फेल होने की आशंकाओं को किया खारिज : बनाई कार्य योजना

punjabkesari.in Saturday, Apr 04, 2020 - 10:10 PM (IST)

लखनऊ, चार अप्रैल (भाषा) देशवासियों से रविवार रात कुछ देर तक घरों की बिजली बंद कर दीये और अन्य तरह से रोशनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी वजह से ग्रिड फेल होने की आशंकाओं को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि विभाग ने स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना बना ली है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने शनिवार को बताया कि राष्ट्रीय पावर ग्रिड काफी मजबूत है और इस तरह की स्थितियों से बिजली की मांग में पैदा होने वाली कमी के बावजूद ग्रिड को स्थाई रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं और प्रोटोकॉल मौजूद हैं। इसलिए किसी भी तरह से आशंकित होने की जरूरत नहीं है।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा एक बयान में कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं कि रविवार रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घरों की ट्यूबलाइट और बल्ब बंद करने से ग्रिड फेल हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि "सेंट्रल लोड डिस्पैच सेंटर’’ यह सुनिश्चित कर रहा है कि किसी भी राज्य की ग्रिड पर कोई संकट ना हो। उत्तर प्रदेश में हमारे इंजीनियर सुनिश्चित कर रहे हैं कि कहीं किसी तरह की कोई कठिनाई न आए। उसके लिए हमने रोडमैप तैयार किया है।
शर्मा ने कहा, " हम अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर आप सभी लोग रविवार रात अपने घरों में नौ मिनट के लिए ट्यूब लाइट और बल्ब बंद कर एकजुटता का परिचय दें और कोरोना वायरस रूपी राक्षस को प्रकाश से चुनौती देकर परास्त करें।" इस बीच उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने देर शाम एक बयान जारी कर कहा कि ग्रिड फेल होने को लेकर की जारी की जा रही बातें बेबुनियाद हैं। पावर ग्रिड काफी मजबूत है और इस तरह के हालात में बिजली की कमी या वृद्धि के बावजूद ग्रिड को ठीक रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं और प्रोटोकॉल मौजूद हैं।
कारपोरेशन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केवल घरेलू बल्ब और ट्यूबलाइट तथा अन्य प्रकाश उपकरण बंद करने की अपेक्षा की है। घर के अन्य उपकरण टीवी, पंखा, फ्रिज, एयर कंडीशनर वगैरह चलते रहेंगे। इसी तरह स्ट्रीट लाइट तथा अन्य आवश्यक सेवाएं जैसे कि अस्पताल, म्यूनिसिपल सेवाएं, पुलिस स्टेशन तथा लॉक डाउन से प्रभावित औद्योगिक एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान चालू रहेंगे।
बयान में यह भी कहा गया है कि हाउसिंग सोसायटी और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से भी अपेक्षा की जा रही है कि वे पूरी सोसाइटी या अपार्टमेंट की विद्युत आपूर्ति बाधित ना करें, ताकि नागरिकों को कोई असुविधा ना हो।
इस बीच, ऊर्जा विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार रात नौ बजे कुछ देर के लिए ट्यूबलाइट और रोशनी देने वाले अन्य उपकरण बंद किए जाने से लगभग 300 मेगावाट बिजली की खपत अचानक कम होगी। मगर यह कोई चिंता की बात नहीं है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी बिजली उत्पादन एवं वितरण इकाइयों को इस बारे में निर्देश दे दिया गया है। उत्पादन इकाइयों से कहा गया है कि वे रविवार को अपना लोड कम रखें और वितरण इकाइयों को निर्देश दिया गया है कि वे रविवार रात आठ बजे के बाद चरणबद्ध तरीके से बिजली कटौती करें ताकि रात नौ बजे जब प्रधानमंत्री की अपील पर अमल हो तो लोड अचानक कम ना हो जाए।
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में पिछले वर्षों के मुकाबले अप्रैल माह में बिजली की खपत जहां लगभग 14000 मेगावाट होती थी वहीं इस बार यह लगभग आधी ही है। ऐसे में बिजली कंपनियां पहले से ही कमर कसकर तैयार हैं।
इधर, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि प्रदेश में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं बनी।
उन्होंने बताया कि हालांकि ऐसे हालात को संभालना कोई मुश्किल काम नहीं है लेकिन इसके लिए बेहतर तालमेल से काम करना पड़ेगा।

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