लोगो के सैनेटाइज के लिये उत्तर मध्य रेलवे ''''सैनेटाइजेशन टनल'''' बनाने पर कर रहा है काम
punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2020 - 12:58 PM (IST)
लखनऊ, 10 अप्रैल :भाषा: कोरोना वायरस के संक्रमण से जनता को बचाने के लिये उत्तर मध्य रेलवे ''''सैनेटाइजेशन टनल'''' बनाने पर काम कर रहा है ।
इस सैनैटाइजन टनल में स्प्रे में कौन सा रसायन कितनी मात्रा में मिलाया जाए जो जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न डाले, इसके लिये स्वास्थ्य विभाग से सलाह मांगी गयी है । अभी इसके बारे में रेल मंत्रालय से भी अनुमति मांगी गयी है । जब तक इन दोनो मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलती है तब तक इन टनल को कहीं भी नहीं लगाया जाएगा ।
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने ''भाषा'' को बताया कि '''' कोरोना वायरस के खिलाफ इस अभूतपूर्व लड़ाई में स्प्रे/मिस्ट बेस्ड सैनेटाइजेशन टनल का प्रोटोटाइप कई संगठनों के सहयोग से विकसित किया जा रहा है और उसके गुण और अवगुणों पर मूल्यांकन किया जा रहा है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘इस संबंध में कोचिंग डिपो प्रयागराज, इलेक्ट्रिक लोको शेड कानपुर और इलेक्ट्रिक लोको शेड झांसी में तीन अलग अलग डिजाइन के सैनेटाइजेशन टनल के प्रोटोटाइप विकसित किये गये हैं । इनका परीक्षण किया जा रहा है और अधिकृत विशेषज्ञों द्वारा सभी गुणों और अवगुणों की पूरी जांच और अनुमोदन के बाद इनको लगाया जाएगा ।'''' उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं तय हुआ है कि टनल कहां लगाए जाएंगे । इनमें कौन सा केमिकल इस्तेमाल किया जाएगा। अगर किसी रेलवे स्टेशन पर इसे लगाते हैं तो इसके लिये कई टनल की आवश्यकता होगी क्योंकि स्टेशनों पर काफी भीड़ होती है ।
चौधरी ने बताया कि अभी हम केवल माडल विकसित कर रहे हैं। जब तक भारत सरकार से हमें इसकी अनुमति नहीं मिलती है हम इसे नहीं लगायेंगे ।
उन्होंने कहा कि उसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय हमें बताएगा कि इसमें कौन सा रसायन लोगों को सैनेटाइज करने के लिये स्प्रे करना है। अभी टनल का जो माडल विकसित किया जा रहा है उसमें पानी की फुहारे डालकर हम ट्रायल कर रहे हैं ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इस सैनैटाइजन टनल में स्प्रे में कौन सा रसायन कितनी मात्रा में मिलाया जाए जो जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न डाले, इसके लिये स्वास्थ्य विभाग से सलाह मांगी गयी है । अभी इसके बारे में रेल मंत्रालय से भी अनुमति मांगी गयी है । जब तक इन दोनो मंत्रालय से अनुमति नहीं मिलती है तब तक इन टनल को कहीं भी नहीं लगाया जाएगा ।
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने ''भाषा'' को बताया कि '''' कोरोना वायरस के खिलाफ इस अभूतपूर्व लड़ाई में स्प्रे/मिस्ट बेस्ड सैनेटाइजेशन टनल का प्रोटोटाइप कई संगठनों के सहयोग से विकसित किया जा रहा है और उसके गुण और अवगुणों पर मूल्यांकन किया जा रहा है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘इस संबंध में कोचिंग डिपो प्रयागराज, इलेक्ट्रिक लोको शेड कानपुर और इलेक्ट्रिक लोको शेड झांसी में तीन अलग अलग डिजाइन के सैनेटाइजेशन टनल के प्रोटोटाइप विकसित किये गये हैं । इनका परीक्षण किया जा रहा है और अधिकृत विशेषज्ञों द्वारा सभी गुणों और अवगुणों की पूरी जांच और अनुमोदन के बाद इनको लगाया जाएगा ।'''' उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं तय हुआ है कि टनल कहां लगाए जाएंगे । इनमें कौन सा केमिकल इस्तेमाल किया जाएगा। अगर किसी रेलवे स्टेशन पर इसे लगाते हैं तो इसके लिये कई टनल की आवश्यकता होगी क्योंकि स्टेशनों पर काफी भीड़ होती है ।
चौधरी ने बताया कि अभी हम केवल माडल विकसित कर रहे हैं। जब तक भारत सरकार से हमें इसकी अनुमति नहीं मिलती है हम इसे नहीं लगायेंगे ।
उन्होंने कहा कि उसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय हमें बताएगा कि इसमें कौन सा रसायन लोगों को सैनेटाइज करने के लिये स्प्रे करना है। अभी टनल का जो माडल विकसित किया जा रहा है उसमें पानी की फुहारे डालकर हम ट्रायल कर रहे हैं ।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।