आईसीआई ने जारी किया परामर्श : ईद के दिन ना किसी के घर जाएं और ना ही गले मिले
punjabkesari.in Sunday, May 17, 2020 - 08:30 PM (IST)
लखनऊ, 17 मई (भाषा) शरई मामलों पर अक्सर सलाह जारी करने वाली एक इस्लामी संस्था ने रविवार को जारी परामर्श में लोगों से ईद के दिन भी लॉकडाउन का मुस्तैदी से पालन करते हुए किसी के घर नहीं जाने और गले ना मिलने की ताकीद की है।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (आईसीआई) ने यहां जारी एडवाइजरी में कहा कि ईद उल फित्र के दिन भी लोग लॉकडाउन का पालन करें। वे अपने घर में रहे और किसी से मिलने न जाएं। साथ ही वे ईद के दिन न किसी से हाथ मिलाएं और ना ही गले मिलें।
गौरतलब है कि ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। इस दिन लोग में एक दूसरे के घर जाते हैं और गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। बुजुर्गों को भी याद नहीं है कि ऐसी नौबत पहले कभी आई थी कि जब ईद के दिन लोगों को गले मिलने से मजबूरन परहेज करना पड़ा हो।
आईसीआई के अध्यक्ष शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मुसलमान ईद के दिन अपने घर में नमाज अदा करें और नमाज के बाद कोविड-19 के जल्द खात्मे, पूरी दुनिया में अमन कायम होने, अपनी और मुल्क तथा कौम की तरक्की और खुशहाली की खास दुआ करें।
उन्होंने कहा कि जिस घर में चार या उससे ज्यादा लोग हों तो वह ईद की नमाज अपने घर में ही जमात बना कर पढ़ें। अगर किसी घर में चार से कम लोग हैं तो वे चार रकात नफिल नमाज-ए-चाश्त अकेले-अकेले पढ़ें।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (आईसीआई) ने यहां जारी एडवाइजरी में कहा कि ईद उल फित्र के दिन भी लोग लॉकडाउन का पालन करें। वे अपने घर में रहे और किसी से मिलने न जाएं। साथ ही वे ईद के दिन न किसी से हाथ मिलाएं और ना ही गले मिलें।
गौरतलब है कि ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। इस दिन लोग में एक दूसरे के घर जाते हैं और गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। बुजुर्गों को भी याद नहीं है कि ऐसी नौबत पहले कभी आई थी कि जब ईद के दिन लोगों को गले मिलने से मजबूरन परहेज करना पड़ा हो।
आईसीआई के अध्यक्ष शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मुसलमान ईद के दिन अपने घर में नमाज अदा करें और नमाज के बाद कोविड-19 के जल्द खात्मे, पूरी दुनिया में अमन कायम होने, अपनी और मुल्क तथा कौम की तरक्की और खुशहाली की खास दुआ करें।
उन्होंने कहा कि जिस घर में चार या उससे ज्यादा लोग हों तो वह ईद की नमाज अपने घर में ही जमात बना कर पढ़ें। अगर किसी घर में चार से कम लोग हैं तो वे चार रकात नफिल नमाज-ए-चाश्त अकेले-अकेले पढ़ें।
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