हर श्रमिक को फोन कर उसकी दक्षता के बारे में पूछें : मुख्यमंत्री योगी

punjabkesari.in Wednesday, May 27, 2020 - 05:24 PM (IST)

लखनऊ, 27 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से आये प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिये मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से प्रत्येक कामगार को फोन करके उसकी दक्षता पूछने के निर्देश दिये हैं।
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि योगी ने लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग पर खास तौर पर चर्चा की और कहा कि मुख्यमंत्री हेल्पाइन को मजबूत करके एक—एक श्रमिक को फोन करके पूछा जाए कि वह किस क्षेत्र में माहिर है और क्या काम करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि ऐसा करके पुनर्वास आयोग के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को रोजगार दिलाने की पूरी योजना को आगे बढ़ाया जाए। विभिन्न कार्यकुशलता वाले श्रमिकों एवं कामगारों को उद्योगों से मिलाया जाए। एमएसएमई विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह औद्योगिक संगठनों से सम्पर्क करके जल्द से जल्द श्रमिकों को रोजगार की सम्भावनाओं को बढ़ाये।
अवस्थी के मुताबिक प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की व्यवस्था को और मजबूती से आगे बढ़ाया जाये। अगर किसी प्रवासी श्रमिक या अन्य व्यक्ति का राशन कार्ड नहीं बना है तो उसे बनवाया जाए।
उन्होंने बताया कि बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री योगी ने राजधानी स्थित राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का आकस्मिक निरीक्षण किया। उनके साथ वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी थे। योगी ने वरिष्ठ चिकित्सकों और प्रभारी को मरीजों को इमर्जेंसी सेवा तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
बाद में, मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को आदेश दिया कि वे लखनऊ की इमर्जेंसी सेवाओं का निरीक्षण करें ताकि पूरी व्यवस्था को बेहतर कर हर मरीज को समय से इमर्जेंसी सेवा मिले। किसी भी मरीज को इंतजार न करना पड़े और मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्हें सेवा दी जाए।
योगी ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को अस्पतालों तथा मेडिकल कॉलेजों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि व्यवस्था बेहतर बनाने और जनता से सीधी प्रतिक्रिया लेते हुए कार्यों की हकीकत को मौके पर परखने के लिए औचक निरीक्षण किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रचंड गर्मी और फिर बरसात के मौसम में बीमारियां बढ़ने की आशंका के मद्देनजर इमर्जेंसी सेवाओं को मजबूत किया जाए।
अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों को लेकर अब तक लगभग 1337 रेलगाड़ियां आ चुकी हैं। बुधवार को भी 30—35 ट्रेनें आ रही हैं। एक—दो दिन में 176 और रेलगाड़ियां आयेंगी।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर देश का एकमात्र स्टेशन बन गया है, जहां 200 से ज्यादा ट्रेनें आ चुकी हैं। 219 ट्रेनों से दो लाख 77 हजार श्रमिक गोरखपुर आ चुके हैं।
उन्होंने बताया कि सिद्धार्थनगर में सबसे ज्यादा एक लाख 47 हजार लोग आये हैं। महराजगंज में एक लाख तीन हजार 786 लोग आ चुके हैं। तमाम प्रवासी श्रमिकों के रोजगार और चिकित्सा तथा स्वास्थ्य की व्यवस्था की जा रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने इस मौके पर बताया, ‘‘अब तक प्रदेश के 12396 इलाकों में सर्विलांस का काम किया गया है। इसके अलावा 73 लाख 61 हजार 323 घरों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें तीन करोड़ 69 लाख 87 हजार 490 लोगों को सर्विलांस किया गया है। इसमें जो लोग भी लक्षण वाले पाये गये हैं उनकी सैम्पलिंग कर जांच की गयी है।’’ उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रवासी मजदूरों की लगातार निगरानी की जा रही है। अब तक उनके द्वारा 9 लाख 60 हजार 933 प्रवासी कामगारों को ट्रैक किया, जिनमें से 945 में कोई न कोई लक्षण मिला है।
प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार लौटे हैं। कोरोना के लक्षणों से रहित लोगों को 21 दिन के होम क्वारंटीन में रखा गया है। ग्राम निगरानी और मुहल्ला निगरानी समितियों से आग्रह किया गया है कि वे क्वारंटाइन लोगों का घरों में ही रहना सुनिश्चित करें। होम क्वारंटाइन में रह रहे लोग अपने परिवार के अन्य सदस्यों से दूर रहें ताकि उन्हें किसी प्रकार का संक्रमण न हो पाये।
उन्होंने कहा कि होम क्वारंटाइन में रखे गये सभी लोगों से अनुरोध है कि वे अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों, बुजुर्गों, बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं से दूरी बनाये रखें, क्योंकि ऐसे लोगों के संक्रमित होने से बहुत मुश्किलें होती हैं।


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PTI News Agency