ग्रेटर नोएडा में कैंपस स्थापना में माइक्रोसॉफ्ट की हर संभव करेगी राज्य सरकार : सिंह
punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 03:31 PM (IST)
लखनऊ, एक जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के निवेश और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि राज्य के ग्रेटर नोएडा में विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना के लिए सरकार माइक्रोसॉफ्ट इंडिया को हर संभव मदद करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार माइक्रोसॉफ्ट का स्वागत ‘लाल कालीन’ बिछाकर करेगी। ताकि उसके लिए कारोबार करना आसान हो।’’
वह राज्य में निवेश करने के लिए वैश्विक उद्योगों को आमंत्रित करने के लिए एक वर्चुअल रोडशो कर रहे थे।
माइक्रोसॉफ्ट ग्रेटर नोएडा में 4,000 लोगों की क्षमता वाला विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करना चाहती है। मंत्री ने कहा कि इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर भूमि उपलब्ध है। कंपनी कभी भी इसका दौरा कर सकती है।
इस वर्चुअल रोडशो के दौरान माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक और कॉरपोरेट अध्यक्ष राजीव कुमार ने वर्चुअल समझौते भी किया।
सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को हर संभव सहयोग और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 संकट के बाद राज्य सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने के प्रयास कर रही है।
राज्य में इस केंद्र की स्थापना के लिए सरकार कंपनी को सभी तरह की मदद उपलब्ध कराएगी। अगले तीन से चार साल में यह केंद्र अपनी पूरी क्षमता से काम करने लगेगा। यह देश को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की दिशा में बड़ा मददगार साबित होगा।
माइक्रोसॉफ्ट के हैदराबाद तथा बेंगलुरू में क्रमशः 5000 एवं 2000 की क्षमता के कैंपस है।
सिंह ने कहा कि राज्य सरकार जेवर हवाईअड्डे के निकट इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्थापित कर रही है। इसमें स्थापित होने वाली इकाइयों को सभी आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है।
मंत्री ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के आने के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए बड़ा केंद्र बनेगा। टीसीएस भी इस क्षेत्र में अपना केंद्र स्थापित कर रही है। जबकि विप्रो का कैंपस यहां पहले से है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार माइक्रोसॉफ्ट का स्वागत ‘लाल कालीन’ बिछाकर करेगी। ताकि उसके लिए कारोबार करना आसान हो।’’
वह राज्य में निवेश करने के लिए वैश्विक उद्योगों को आमंत्रित करने के लिए एक वर्चुअल रोडशो कर रहे थे।
माइक्रोसॉफ्ट ग्रेटर नोएडा में 4,000 लोगों की क्षमता वाला विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करना चाहती है। मंत्री ने कहा कि इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर भूमि उपलब्ध है। कंपनी कभी भी इसका दौरा कर सकती है।
इस वर्चुअल रोडशो के दौरान माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक और कॉरपोरेट अध्यक्ष राजीव कुमार ने वर्चुअल समझौते भी किया।
सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को हर संभव सहयोग और सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कोविड-19 संकट के बाद राज्य सरकार राज्य में निवेश बढ़ाने के प्रयास कर रही है।
राज्य में इस केंद्र की स्थापना के लिए सरकार कंपनी को सभी तरह की मदद उपलब्ध कराएगी। अगले तीन से चार साल में यह केंद्र अपनी पूरी क्षमता से काम करने लगेगा। यह देश को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की दिशा में बड़ा मददगार साबित होगा।
माइक्रोसॉफ्ट के हैदराबाद तथा बेंगलुरू में क्रमशः 5000 एवं 2000 की क्षमता के कैंपस है।
सिंह ने कहा कि राज्य सरकार जेवर हवाईअड्डे के निकट इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्थापित कर रही है। इसमें स्थापित होने वाली इकाइयों को सभी आवश्यक सुविधाएं सुलभ कराने के लिए राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है।
मंत्री ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के आने के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए बड़ा केंद्र बनेगा। टीसीएस भी इस क्षेत्र में अपना केंद्र स्थापित कर रही है। जबकि विप्रो का कैंपस यहां पहले से है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।