गोरखपुर में एलआरटी परियोजना को मंजूरी
punjabkesari.in Saturday, Oct 10, 2020 - 08:22 PM (IST)
लखनऊ, 10 अक्टूबर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) परियोजना के क्रियान्वयन तथा डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि अब उप आबकारी आयुक्त डिस्टिलरियों से जुड़े प्रकरण का निस्तारण कर सकेंगे।
शनिवार को मुख्यमंत्री सूचना परिसर की ओर से जारी विज्ञप्ति में कैबिनेट की बैठक में मंजूर किये गये महत्वपूर्ण प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में गोरखपुर महानगर में यातायातीय व्यवस्था को सुगम एवं सुचारू बनाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) परियोजना के क्रियान्वयन तथा डीपीआर को कैबिनेट ने अनुमोदित किया है। इस परियोजना में कुल 27.84 किलोमटर की लम्बाई में खंभों पर टिके दो मार्ग प्रस्तावित हैं।
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 4,672 करोड़ रुपये हैं और वर्ष 2024 तक इसे पूर्ण किये जाने का लक्ष्य दिया गया है। प्रस्तावित लाइनों में श्याम नगर से मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय तक 15.14 किलोमीटर की लम्बाई में 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज से नौसढ़ चौराहा तक 12.70 किलोमीटर लम्बा होगा और इस पर 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक लखनऊ, गाजियाबाद तथा नोयडा में मेट्रो रेल संचालित है। दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का कार्य प्रगति पर है जिसके लिये वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य सरकार द्वारा 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 286 करोड़ रुपये प्राविधानित किए गए हैं।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 358 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था की गई है। कानपुर महानगर में सुगम यातायात उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में मेट्रो रेल परियोजना को क्रियान्वयित करा रही है। कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य प्रगति पर है।
कैबिनेट के एक अन्य प्रस्ताव के अनुसार अब उप आबकारी आयुक्त डिस्टिलरियों से जुड़े प्रकरण का निस्तारण कर सकेंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश आबकारी (आसवनी की स्थापना) (पन्द्रहवां संशोधन) नियमावली, 2020 के प्रख्यापन का प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया है। इससे प्रदेश में स्थित आसवनियों (डिस्टिलरियों) में किये जाने वाले परिवर्तन/परिवर्धन के कार्यों को आबकारी आयुक्त के स्थान पर संबंधित प्रभार के उप आबकारी आयुक्त द्वारा निर्धारित किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
आसवनियों को पेय मदिरा निर्माण/पेय क्षमता में वृद्धि की अनुमति हेतु आबकारी नीति वर्ष 2020-21 में प्राविधानित व्यवस्था में क्रम में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के स्थान पर अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, आबकारी विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित किये जाने का भी प्राविधान किया गया है।
इसके अलावा गोरखपुर के कलेक्ट्रेट भवनों के नवनिर्माण कराये जाने के लिए पुराने भवनों के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। गोरखपुर का कलेक्ट्रेट भवन सन 1903-1910 का बना हुआ है, जो अब जीर्ण-शीर्ण हालत में है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। कैबिनेट ने यह भी तय किया है कि अब उप आबकारी आयुक्त डिस्टिलरियों से जुड़े प्रकरण का निस्तारण कर सकेंगे।
शनिवार को मुख्यमंत्री सूचना परिसर की ओर से जारी विज्ञप्ति में कैबिनेट की बैठक में मंजूर किये गये महत्वपूर्ण प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति के मुताबिक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में गोरखपुर महानगर में यातायातीय व्यवस्था को सुगम एवं सुचारू बनाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के रूप में लाइट रेल ट्रांजिट (एलआरटी) परियोजना के क्रियान्वयन तथा डीपीआर को कैबिनेट ने अनुमोदित किया है। इस परियोजना में कुल 27.84 किलोमटर की लम्बाई में खंभों पर टिके दो मार्ग प्रस्तावित हैं।
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 4,672 करोड़ रुपये हैं और वर्ष 2024 तक इसे पूर्ण किये जाने का लक्ष्य दिया गया है। प्रस्तावित लाइनों में श्याम नगर से मदन मोहन मालवीय प्राविधिक विश्वविद्यालय तक 15.14 किलोमीटर की लम्बाई में 14 स्टेशन प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज से नौसढ़ चौराहा तक 12.70 किलोमीटर लम्बा होगा और इस पर 13 स्टेशन प्रस्तावित हैं।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक लखनऊ, गाजियाबाद तथा नोयडा में मेट्रो रेल संचालित है। दिल्ली से मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का कार्य प्रगति पर है जिसके लिये वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य सरकार द्वारा 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आगरा मेट्रो रेल परियोजना हेतु 286 करोड़ रुपये प्राविधानित किए गए हैं।
कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के लिए 358 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था की गई है। कानपुर महानगर में सुगम यातायात उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में मेट्रो रेल परियोजना को क्रियान्वयित करा रही है। कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य प्रगति पर है।
कैबिनेट के एक अन्य प्रस्ताव के अनुसार अब उप आबकारी आयुक्त डिस्टिलरियों से जुड़े प्रकरण का निस्तारण कर सकेंगे। विज्ञप्ति के मुताबिक कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश आबकारी (आसवनी की स्थापना) (पन्द्रहवां संशोधन) नियमावली, 2020 के प्रख्यापन का प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया है। इससे प्रदेश में स्थित आसवनियों (डिस्टिलरियों) में किये जाने वाले परिवर्तन/परिवर्धन के कार्यों को आबकारी आयुक्त के स्थान पर संबंधित प्रभार के उप आबकारी आयुक्त द्वारा निर्धारित किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
आसवनियों को पेय मदिरा निर्माण/पेय क्षमता में वृद्धि की अनुमति हेतु आबकारी नीति वर्ष 2020-21 में प्राविधानित व्यवस्था में क्रम में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के स्थान पर अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, आबकारी विभाग की अध्यक्षता में समिति गठित किये जाने का भी प्राविधान किया गया है।
इसके अलावा गोरखपुर के कलेक्ट्रेट भवनों के नवनिर्माण कराये जाने के लिए पुराने भवनों के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। गोरखपुर का कलेक्ट्रेट भवन सन 1903-1910 का बना हुआ है, जो अब जीर्ण-शीर्ण हालत में है।
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