नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में वायु की गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में
punjabkesari.in Saturday, Nov 07, 2020 - 06:39 PM (IST)
नोएडा, सात नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में शनिवार को वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में दर्ज की गई।
एक सरकारी एजेंसी ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार दिल्ली के सबसे निकट पांच शहरों की हवा में प्रदूषण कारक तत्वों पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा भी अधिक रही।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बेहद खराब'' और 401 से 500 के बीच ''गंभीर'' माना जाता है।
सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार शनिवार को शाम चार बजे चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई गुरुग्राम में 439, गाजियाबाद में 436, ग्रेटर नोएडा में 428, नोएडा में 426 और फरीदाबाद में 414 दर्ज किया गया।
ऐप के अनुसार दिल्ली के इन पड़ोसी शहरों की हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 कण प्रमुख प्रदूषण कारक तत्व रहे।
सीपीसीबी के अनुसार एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में होने से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
एक सरकारी एजेंसी ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार दिल्ली के सबसे निकट पांच शहरों की हवा में प्रदूषण कारक तत्वों पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा भी अधिक रही।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बेहद खराब'' और 401 से 500 के बीच ''गंभीर'' माना जाता है।
सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार शनिवार को शाम चार बजे चौबीस घंटे का औसत एक्यूआई गुरुग्राम में 439, गाजियाबाद में 436, ग्रेटर नोएडा में 428, नोएडा में 426 और फरीदाबाद में 414 दर्ज किया गया।
ऐप के अनुसार दिल्ली के इन पड़ोसी शहरों की हवा में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 कण प्रमुख प्रदूषण कारक तत्व रहे।
सीपीसीबी के अनुसार एक्यूआई “गंभीर” श्रेणी में होने से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है।
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