अनुशासनहीनता के आरोपो में जिला विकास अधिकारी निलंबित
punjabkesari.in Saturday, Nov 21, 2020 - 06:34 PM (IST)
लखनऊ, 21 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुशासनहीनता के आरोपों में संभल के जिला विकास अधिकारी रामसेवक को निलंबित करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आईजीआरएस अंतर्गत रिपोर्ट प्रेषित न करने और बिना अनुमति जनपद मुख्यालय से बाहर जाने सहित अनुशासनहीनता के विभिन्न आरोपों में जिला विकास अधिकारी (संभल) को निलंबित करने का आदेश दिया है।’’
एक बयान के मुताबिक राम सेवक पर उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आईजीआरएस अंतर्गत रिपोर्ट प्रेषित न करने, अधीनस्थों से अभद्रता करने और अनुमति के बगैर जनपद मुख्यालय से बाहर जाने सहित अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता के अनेक आरोप प्रथमदृष्ट्या सिद्ध हुए हैं। जवाब मांगे जाने पर भी आरोपी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया। इससे पूर्व की तैनाती के दौरान भी रामसेवक के खिलाफ मनमानी करने के कई मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए रामसेवक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। प्रकरण की गहन जांच के लिए बरेली मंडल के संयुक्त विकास आयुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आईजीआरएस अंतर्गत रिपोर्ट प्रेषित न करने और बिना अनुमति जनपद मुख्यालय से बाहर जाने सहित अनुशासनहीनता के विभिन्न आरोपों में जिला विकास अधिकारी (संभल) को निलंबित करने का आदेश दिया है।’’
एक बयान के मुताबिक राम सेवक पर उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आईजीआरएस अंतर्गत रिपोर्ट प्रेषित न करने, अधीनस्थों से अभद्रता करने और अनुमति के बगैर जनपद मुख्यालय से बाहर जाने सहित अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता के अनेक आरोप प्रथमदृष्ट्या सिद्ध हुए हैं। जवाब मांगे जाने पर भी आरोपी अधिकारी ने जवाब नहीं दिया। इससे पूर्व की तैनाती के दौरान भी रामसेवक के खिलाफ मनमानी करने के कई मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए रामसेवक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। प्रकरण की गहन जांच के लिए बरेली मंडल के संयुक्त विकास आयुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
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